
सात दिन में सरपंच पद का प्रभार उपसरपंच को सौंपने के निर्देश
जैसलमेर. जिले की लोहारकी ग्राम पंचायत का मामला - जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में जैसलमेर जिले की लोहारकी ग्राम पंचायत के सरपंच पद का प्रभार सात दिन में उप सरपंच को सौंपने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकल पीठ में याचिकाकर्ता कसुम्बी की ओर से अधिवक्ता मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत लोहारकी के सरपंच तथा उपसरपंच का पद अनारक्षित वर्ग से था, जहां मार्च 2020 में सरपंच और उपसरपंच के चुनाव हुए। सरपंच पद पर किशन कंवर निर्वाचित हुई, जबकि उप सरपंच पद पर याचिकाकर्ता को चुना गया, जो अनुसूचित जाति से है, लेकिन अनारक्षित सीट पर निर्वाचित हुई थी। हाल ही 26 मई को सरपंच किशन कंवर का निधन हो गया, जिसके बाद जिला कलक्टर ने एक पंच मांगी को कार्यभार सौंपने का आदेश दिया। हालांकि बाद में उसे स्थगित कर दिया गया। पूर्व सरपंच की मृत्यु के बाद याचिकाकर्ता ने जिला कलक्टर से उसे कार्यभार सौंपने का अनुरोध किया, लेकिन कलक्टर ने दायित्व नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम की धारा 25 में उल्लेखित किसी भी आकस्मिक स्थिति में सरपंच का प्रभार उप सरपंच को दिया जाना चाहिए। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरपंच की अनुपस्थिति या मृत्यु की स्थिति में, उप सरपंच को पंचायती राज संस्था के अध्यक्ष के रूप में काम करना होता है, जबकि सरकार और प्रशासन वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एकल पीठ ने कहा कि अधिनियम की धारा 32 की उपधारा 2 के खंड बी में सरपंच की अनुपस्थिति में उसका पद रिक्त रहने के कारण या अन्यथा का उल्लेख है। पीठ ने अभिनिर्धारित किया कि रिक्त रहना या अन्यथा का स्वाभाविक अर्थ लगाया जाना चाहिए, जिसमें मृत्यु शामिल पढृी जाती है। इसे देखते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता अधिनियम में वर्णित वैधानिक प्रतिबंधों के अधीन सरपंच की सभी शक्तियों का प्रयोग और सभी कार्यों सहित कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए सही दावेदार है। पीठ ने जिला कलक्टर, जैसलमेर को सात दिन में याचिकाकर्ता को लोहारकी ग्राम पंचायत के सरपंच का प्रभार सौंपने के निर्देश दिए हैं।
Published on:
29 Jul 2023 08:09 pm
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