केंद्र की नीतियों के विरोध में बीमा निगम में ठप रहा कामकाज
जैसलमेरPublished: Nov 27, 2020 06:38:26 pm
– हड़ताल को बिजली वर्कर्स फेडरेशन ने दिया समर्थन
केंद्र की नीतियों के विरोध में बीमा निगम में ठप रहा कामकाज
जैसलमेर. केंद्र सरकार की कथित श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ एआईआईए के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत जैसलमेर के भारतीय जीवन बीमा निगम में भी गुरुवार को कामकाज ठप रहा। शाखा सचिव पंकज भाटिया ने बताया कि केंद्र श्रम विरोधी नीतियों और भारतीय जीवन बीमा निगम के प्रस्तावित आईपीओ के विरुद्ध गुरुवार को सभी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने अपने काम का बहिष्कार करते हुए विरोध दर्ज करवाया। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा प्रतिवर्ष लाभदायकता देते हुए देश के बीमा धारकों की सर्वोच्च स्तर की सेवा के बावजूद भी सरकार निजीकरण के रास्ते आईपीओ लाकर जनता की विपुल धनराशि को निजी हाथों में सौंपने के लिए आमादा है। जनहित में निगमकर्मी भारत सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। गुरुवार की हड़ताल में किसानों से जुड़े बिल को वापस लेने, सभी सामान्य बीमा कंपनियों को एक कंपनी में समाहित करने की मांग भी की गई। इसके अलावा पीएसयू और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में जबरन सेवानिवृत्ति का भी विरोध किया गया। हड़ताल के माध्यम से सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाने की मांग की गई है। इसी प्रकार केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ केन्द्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से गुरुवार को आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में राजस्थान बिजली वर्कर्स फेडरेशन (एटक) के बैनर तले जिला सचिव आबिद रंगरेज, जिला कार्यालय सचिव लोकेश प्रजापति व मीडिया प्रभारी अजयकुमार के नेतृत्व में जिला कलक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बिजली कर्मचारियों ने राष्ट्रीय हड़ताल के पक्ष में एकजुटता प्रदर्शित करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोकने की मांग की। इसी तरह से रोजगार की गारंटी देते हुए बेरोजगारी खत्म करने अन्यथा प्रत्येक परिवार को 7500 रुपए भत्ता दिलाने, एनपीएस समाप्त कर पुरानी पेशन शुरू करवाने आदि मांगें की गई।