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कम पानी से अधिकतम उत्पादन के लिए फसल के चुनाव पर ध्यान देना जरूरी

-जल शक्ति अभियान के तहत वर्चुअल मीट का आयोजन

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जैसलमेर. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कृषि विज्ञान केंद की ओर से जल शक्ति अभियान के तहत एक दिवसीय वर्चुअल मीट का आयोजन किया गया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने जल की महता बताते हुए कहा कि जल है तो कल है.. की उक्ति वर्तमान में हमें समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों में जल सरंक्षण एवं जल बचत के बारे में जागरूकता पैदा करना है। जैसलमेर क्षेत्र में जल बचत का अत्यधिक महत्व है। क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों की आजीविका आज भी वर्षा पर निर्भर है। जैसलमेर में पुराने समय से चली आ रही खड़ीन खेती जल संरक्षण का अच्छा स्रोत है, लेकिन यदि खड़ीन में जमा होने वाले जल को निश्चित स्थान पर भंडारित कर के उसी जल से और अधिक क्षेत्र की सिंचाई कर के अधिकतम उत्पादन ले सकेंगे। मुख्य वक्ता कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के प्रो. डॉ. एनके पारीक ने कहा कि किसान कम पानी से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए सबसे पहले फसल के चुनाव का ध्यान दें, जिसमें मुख्य रूप से एसी फसल तथा उस की एसी किस्म का चुनाव करेंं, जिसकी जल मांग कम हो। उन्होंने कहा कि इस के लिए बाजरा मूंग या मोठ की कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किस्मों की बुवाई कर सकेंगे। डॉ. पारीक ने कहा कि वर्तमान समय में केंद्र पर संचालित की जा रही जिला कृषि मौसम इकाई का बहूत किसान लाभ ले रहे हंै, जो जल सरंक्षण मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जैन इरीगेशन राजस्थान के निदेशक डॉ. मुकेश चाहर ने किसान को जानकारी देते हुए कहा की वर्तमान समय में हमे जल बचत करना और उस की तकनीकों को समजने की जरूरत है। उन्होंने कहा की ऐसे सिंचाई करने से किसान 25 से 60 प्रतिशत तक जल बचत कर सकेंगे। उसी जल से डेढ़ से दो गुना अधिक क्षेत्र मे बुवाई कर सकेंगे। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. छगन ने किसानों को जल बचत से सम्बंधित के बारे में जानकारी दी। केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अतुल गालव ने बताया कि इस बार जैसलमेर जिले मे मानसून गतिविधियों में वर्धी 8 जुलाई के आस पास होने की संभावना है। उन्होंने बताया की फिलहाल समय मे क्षेत्र मे मौसम शुष्क रहने के साथ साथ गर्म हवाएं चलने की संभावनाएं हैं। मौसम अन्वेषक नरसीराम भील ने जल बचत से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान केंद्र के सोशल मीडिया से जुड़ कर मौसम से संबंधित हर शुक्रवार व मंगलवार को दी जाने वाली मौसम पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।