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जैसलमेर: शाम 5 बजे बाजार हुए बंद, भय पर भारी हौसला, जिम्मेदार अलर्ट

पड़ोसी देश की ओर से गुरुवार रात देश की पश्चिमी सीमा के अन्य इलाकों की भांति जैसलमेर में किए गए ड्रोन हमले ने शहरवासियों को चिंता में डाला और साथ ही अब वे इस मसले को लेकर पहले की अपेक्षा कहीं अधिक गंभीर हो गए हैं।

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पड़ोसी देश की ओर से गुरुवार रात देश की पश्चिमी सीमा के अन्य इलाकों की भांति जैसलमेर में किए गए ड्रोन हमले ने शहरवासियों को चिंता में डाला और साथ ही अब वे इस मसले को लेकर पहले की अपेक्षा कहीं अधिक गंभीर हो गए हैं। शुक्रवार को पौ फटने के साथ ही लोग सडक़ों पर उतर आए और उनके बीच बीती रात को लेकर चर्चाओं का दौर चलने लगा। सबसे व्यस्त हनुमान चौराहा पर चाय की थडिय़ों के आसपास लोगों की भीड़ नजर आई। सबकी जुबान पर रात में हुए हमले की चर्चाएं और उनके अपने अनुभव रहे। साथ ही उनमें पाकिस्तान को लेकर गुस्सा देखा गया। उन्होंने देश की सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम और उन्नत हथियार व रक्षा तकनीकी पर गर्व भी जताया। पाकिस्तान के हमले के बाद जिला प्रशासन और पुलिस बहुत ज्यादा सतर्क हो गए हैं। प्रशासन ने शहर में ब्लैक आउट का समय बढ़ाते हुए शाम 5 बजे दुकानें व प्रतिष्ठान बंद करने और 6 बजे के बाद सडक़ों पर आवाजाही करने पर रोक लगा दी।

गाइडलाइन्स की अक्षरश: पालना

प्रशासन की तरफ से दुकानों सहित तमाम तरह के प्रतिष्ठानों को शाम 5 बजे बंद किए जाने की घोषणा की पालना करते हुए लोगों ने ठीक समय पर शटर गिरा दिए। इस वजह से पुराने ग्रामीण बस स्टेंड, हनुमान चौराहा, कचहरी मार्ग, सदर बाजार, गोपा चौक, गुलासतला, आसनी पथ आदि भीड़भाड़ वाले इलाके सूनसान नजर आए। पुलिस के साथ नगरपरिषद की टीमों ने भी ब्लैकआउट व्यवस्थाओं को धरातल पर उतारने में अपनी भूमिका निभाई। इतनी जल्दी तमाम तरह की दुकानें व चाय-पान की थडिय़ां आदि बंद हो जाने से लोगों को कोरोना काल के दौरान होने वाले लॉकडाउन की यादें ताजा हो गई हैं। उन्हें दूध, चाय सहित अन्य जरूरी सामान के लिए तरसना पड़ गया। शहर के बाजारों में कोई ठेला तक शाम के समय खुला नजर नहीं आ रहा है। छोटे दुकानदारों व ठेले-रेहड़ी वालों को इसका सीधा नुकसान झेलना पड़ रहा है। वैसे भी शुक्रवार को आम दिनों की तुलना में ग्रामीणों की शहर में बहुत कम आवक देखी गई।