जैसलमेर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में ओवरलोड वाहनों और नीची झूलती बिजली लाइनों ने बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है। ऊपर से गुजरती हाइटेंशन लाइनें और नीचे क्षमता से अधिक भरे वाहन — यह संयोजन किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकता है। प्रशासन और संबंधित विभागों की अनदेखी के चलते हर दिन खतरा बढ़ता जा रहा है। रामगढ़ रोड, पोकरण रोड और सम क्षेत्र जैसे मार्गों पर निजी बसें और ट्रक अक्सर तय सीमा से कहीं अधिक सवारियां और सामान लेकर दौड़ते नजर आते हैं। कई बार ओवरलोड वाहन बिजली लाइनों के इतने करीब पहुंच जाते हैं कि न केवल चालक और सवारी, बल्कि पैदल राहगीर भी खतरे में पड़ जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतें देने के बाद भी न तो विद्युत निगम ने हाइटेंशन तारों को ऊंचा किया, न ही परिवहन विभाग ने ओवरलोडिंग पर कोई सख्त कार्रवाई की।
हर रोज ओवरलोड ट्रक यहां से गुजरते हैं। ऊपर बिजली की लाइनें झूल रही हैं। कोई बड़ा हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा?
-बद्रीराम, ग्रामीण
साफ नजर आ रहा खतरा
ओवरलोड वाहन और बिजली की तारें, दोनों साथ-साथ हैं। खतरा साफ नजर आता है लेकिन जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं।
-रहमतुल्ला खान, ग्रामीण
डर लगता है
बच्चों को स्कूल भेजने में डर लगता है। ऐसे हालात में सडक़ें सुरक्षित नहीं रहीं। ये लापरवाही जानलेवा बन सकती है।
-गीता देवी, स्थानीय निवासी
हादसे की आशंका
ट्रक की ऊंचाई और झूलती तार — दोनों में फर्क कम है। एक बार चिंगारी उठ चुकी है, अगली बार हादसा टल नहीं सकता।
-तेजाराम विश्नोई, किसान
Updated on:
24 Jun 2025 08:34 pm
Published on:
24 Jun 2025 10:31 pm