जैसलमेर/पोकरण. रेत के धोरों के बीच खड़े होकर वीडियो बनाता एक युवक चारों तरफ रेत के धोरे व चारा खाते ऊंट दिखाता है। उसकी अपील प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों व प्रदेश के मुख्यमंत्री से है कि वह सऊदी अरब में है और उसे बाहर निकालो। सोशल मीडिया पर बुधवार को दिनभर यह वीडियो वायरल होता रहा। इसके साथ एक पत्र भी वायरल हो रहा है, जिसमें वीडियो बनाते युवक के भाई के हस्ताक्षर है और विदेश मंत्री से अपने भाई को भारत बुलाने की गुहार लगाई गई है। गौरतलब है कि बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था। इस वीडियो में एक युवक है, जो अपने आप को पोकरण क्षेत्र की चौक ग्राम पंचायत के रामपुरा का निवासी बता रहा है और सऊदी अरब में अपनी आपबीती बताते हुए देश व प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से वापिस भारत बुलाने की गुहार लगा रहा है।
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों से वतन वापसी की गुहार
वीडियो में एक युवक है। उसने अपना नाम क्षेत्र के रामपुरा चौक निवासी तीर्थराम पुत्र हजारीराम बताया है। उसने बताया कि वह गत कुछ महिनों से सऊदी अरब में हैै। यहां ऊंटों की देखभाल करता है। उसने बताया कि गत चार माह से उसे वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है, न ही उसे समय पर भोजन दिया जा रहा है। उसने बताया कि यहां ऊंटों को चारा दिया जा रहा है, लेकिन उसे खाना नहीं दिया जा रहा है। जिससे उसकी हालत खराब है। उसने वीडियो के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से उसे यहां से बाहर निकालने की अपील की है।
भाई ने भेजा विदेश मंत्री को ज्ञापन
वायरल वीडियो के साथ एक पत्र भी है। इस पत्र के नीचे हस्ताक्षर तनसुख नामक व्यक्ति के है। उसने बताया कि उसका चचेरा भाई तीर्थराम सऊदी अरब के दमाम में मुबारक सुबेली नाम के सेठ के यहां कार्य करता है। वह गत आठ जनवरी को ओमप्रकाश पुत्र कालूराम के माध्यम से यहां से मजदूरी के लिए गया था। वहां जाने के बाद उसे तीन माह तक वेतन दिया गया। उसके बाद अभी तक चार माह से उसे वेतन नहीं दिया जा रहा है, न ही समय पर भोजन दिया जा रहा है। देर रात 12 बजे तक कार्य करवाने से उसकी हालत खराब हो रही है। उसके सेठ की ओर से उसका पासपोर्ट भी ले लिया गया है और धमकियां भी दी जा रही है। उसने विदेश मंत्री से अपने भाई को वापिस बुलाने की मांग की है।तीर्थराम को 30 हजार रुपए महिने के हिसाब से देने का वादा किया गया था, लेकिन तीन माह तक उसे मात्र 22 हजार रुपए का ही भुगतान किया गया और अब चार माह से उसे भुगतान नहीं दिया जा रहा है।