शिविर का उद्घाटन सखी कविता खत्री, ईश्वरी भाटिया, गीता राठौर और मीना व्यास ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस वर्ष बच्चों को विशेष रूप से ओमकार षट्चक्र भेदन ध्यान प्रक्रिया सिखाई जा रही है, जो योगी मनोहर की ओर से प्रस्तुत की गई है। यह प्रक्रिया बच्चों के सर्वांगीण विकास में मदद कर रही है और बच्चों के बीच लोकप्रिय हो रही है। इसके अलावा, बच्चियों को मेहंदी, चित्रकला, केश सज्जा और ‘फूड विदाउट फायर’ जैसे कार्यक्रमों में भी भाग लिया जा रहा है। ‘फूड विदाउट फायर’ में महिलाएं और बच्चे बिना तेल और आग के स्वस्थ और स्वादिष्ट नाश्ता और भोजन बनाना सीख रहे हैं, जो उन्हें बेहद अद्भुत और उपयोगी लग रहा है। शिविर में बच्चे आर्ट एंड क्राफ्ट, नृत्य, रंगोली और मंत्र साधना में भी गहरी रुचि दिखा रहे हैं। सखियों का कहना है कि यह शिविर हमारी सभ्यता, संस्कृति और आध्यात्मिकता को सवारने का एक प्रयास है।
शिविर में विशेष आकर्षण आत्मरक्षा के प्रशिक्षण का भी है, जिससे महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें। महिलाएं इसे आत्मविश्वास बढ़ाने और सुरक्षा के लिए जरूरी मान रही हैं। शिविर के प्रायोजकों ने गर्मी को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए जल शर्बत और ओआरएस की व्यवस्था की है। शिविर का समापन 12 जून को सायं 5 से 7 बजे तक रंगारंग कार्यक्रम के साथ होगा, जिसमें विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे।