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 जोखिम में जान, खतरा अपार, जल-भराव से फिर न डूबे शहर

जून का पहला सप्ताह समाप्त होने वाला है और आने वाले समय में मानसून काल आने वाला है।

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जून का पहला सप्ताह समाप्त होने वाला है और आने वाले समय में मानसून काल आने वाला है। इससे पहले जैसलमेर शहर की जल निकासी व्यवस्था को लेकर चिंता होना लाजमी है। यहां कई बड़े नाले और सीवरेज लाइनों के मैन हॉल बरसाती पानी की आवक होने से उफनते नजर आते हैं और देखते ही देखते आसपास के क्षेत्रों में इतना जल भराव हो जाता है, जिससे आधी भी बारिश नहीं होती। मानसून से पहले नाले-नालियों की संपूर्ण साफ-सफाई करवाना नगरपरिषद की पहली जिम्मेदारी है, लेकिन उसके सफाई तंत्र में दिखावटीपन ज्यादा दिखता है। जो मुख्य रास्ते हर किसी को विशेषकर उच्चाधिकारियों तक को नजर आते हैं, केवल उन्हीं को चमका कर रखने की कवायद देखने में आती है। शेष स्थानों को उनके भाग्य पर छोड़ रखा है। गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों के दौरान जैसलमेर में मानसून और उसके बाद भी अच्छी मात्रा में बरसाती पानी गिरने लगा है। यही कारण है कि कुछ साल पहले जैसलमेर का वार्षिक वर्षा औसत 165 एमएम था, वह बढकऱ करीब 230 एमएम तक हो गया है।

वर्षों से नाले के नारकीय हालात

जैसलमेर की सबसे बड़ी आवासीय गांधी कॉलोनी में आदर्श विद्या मंदिर के आगे से लेकर आइटीआइ तक नाले की दशा पिछले एक दशक से भी लम्बे समय से पूरी तरह से नारकीय ही बनी हुई है। यह नाला देखभाल के अभाव में जर्जर हो चुका है और इसमें कीचड़ और अन्य अपशिष्ट सामग्री इतनी भरी रहती है कि, उसकी दुर्गंध से पूरा इलाका गंधाता रहता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार यहां 10 से 15 दिन में एक बार साफ-सफाई कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। वापस उसी तरह के हालात बन जाते हैं। नालों के ऊपरी हिस्से में पत्थर और गंदगी के लगे ढेर लगे हुए हैं। इसके अलावा नाले के ऊपर पत्थर की पट्टियां भी नहीं लगी हैं, और वह खुला रह कर हादसों को न्योता भी दे रहा है।

पूर्व में शहर देख चुका बाढ़ जैसे हालात

जैसलमेर शहर में साल 2006 में मूसलाधार बारिश के बाद कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण गड़ीसर सरोवर और उससे लगते क्षेत्रों में घरों व सरकारी कार्यालयों तक में पानी भर गया था। यहां तक कि लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नावें तक चलानी पड़ी थी। उसके बाद भी जब-जब मूसलाधार बारिश आती है, निचले क्षेत्रों में बसी बस्तियों में पानी भर जाता है। निकासी के अभाव में बरसाती पानी कई-कई दिनों तक भरा रहता है। कई घरों और दुकानों आदि को इस भरे हुए पानी के कारण खतरा भी रहता है।

समय रहते हो सफाई

गांधी कॉलोनी क्षेत्र में नाला पूरी तरह से गंदगी से अटा पड़ा है और यह सड़ांध मारता रहता है। नगरपरिषद की तरफ से अनदेखी बरती जा रही है। इस नाले के कारण क्षेत्र में बदबू व मच्छर फैले रहते हैं।

  • राजेन्द्र कुमार, स्थानीय निवासीस्वर्णनगरी में जल निकासी की सुव्यवस्थित व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई है। मानसून काल में बारिश के दौरान यह समस्या एकदम से सिर उठाती है। समय रहते प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
  • देरावर सिंह, स्थानीय निवासी