
जैसलमेर जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई यानी एमसीएच यूनिट में एसी और कूलर से राहत की मिली है, लेकिन अभी भी व्यवस्थाओं में सुधार की दरकार है। भीषण गर्मी के मद्देनजर शीतल हवा और वातावरण के लिए में बंदोबस्त बेहतर नजर आ रहे हैं। वार्डों में प्रसूताओं व नवजात शिशुओं के लिए एयरकंडीशनर से लेकर डक्ट वाले कूलर्स की व्यवस्था है, जिससे वहां ठंडक का वातावरण है। पत्रिका टीम ने 100 बेड वाली इस यूनिट के विभिन्न हिस्सों का जायजा लिया। सभी वार्डों में बेड्स लगे हैं। पीने के पानी के लिए वाटर कूलर लगे हुए हैं, जिनसे सामान्य और ठंडा दोनों तरह का पानी मिल रहा है। साफ-सफाई का बंदोबस्त भी लगभग ठीक है। हालांकि शौचालयों में वाश बेसिन से लेकर टोंटियों के टूटे व गायब होने की स्थिति निराश करने वाली नजर आई। शौचालयों में साफ-सफाई कमोबेश सही थी।
यूनिट में ओपीडी कक्षों में चिकित्सकों के आसपास मरीजों व परामर्श लेने आए लोगों की भारी भीड़ देखी गई। कई अभिभावक अपने बच्चों को दिखाने के लिए आए हुए थे। चिकित्सकों के कक्ष में एयरकंडीशनर लगे हुए हैं। उसके बाहर छत पंखों की व्यवस्था है। यूनिट में प्रवेश करते ही फर्श पर बैठे लोग अवश्य आने-जाने वालों के लिए दुविधा उत्पन्न कर रहे थे और उन्हें वहां से हटाने या टोकने वाला कोई नहीं था, जबकि पास ही बैठने के लिए बैंचे लगी हुई हैं। ऐसे ही यूनिट के दूसरे द्वार के बाहर भी महिलाएं व पुरुष छोटे बच्चों को लेकर फर्श पर बैठे हुए दिखे। उनके पास खान-पान की सामग्री भी थी।
गौरतलब है कि एमसीएच यूनिट का संचालन तीन मंजिला भवन में विगत वर्षों से किया जा रहा है। अलग-अलग चरण में यह भवन विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के लिए तैयार करवाया गया। इस पर सरकार ने 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च किया हुआ है। जवाहिर चिकित्सालय के पीछे वाले हिस्से में स्थापित इस यूनिट में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में गर्भवती महिलाएं व बच्चे परामर्श और जरूरी उपचार के लिए पहुंचते हैं।
Published on:
24 Apr 2025 10:45 pm
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