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जैसलमेर में मॉक ड्रिल, ब्लैकआउट के दौरान दिखी जनभागीदारी

संभावित आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत बुधवार रात जिले में हवाई हमले की मॉक ड्रिल आयोजित की गई।

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संभावित आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत बुधवार रात जिले में हवाई हमले की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। रात 8 बजे जैसे ही पांच मिनट का सायरन बजा, पूरे शहर में निर्धारित मानकों के अनुसार ब्लैकआउट शुरू हुआ और लोगों ने प्रशासन की अपील का पालन करते हुए घरों, वाहनों और सड़कों की सभी लाइटें बंद कर दीं।
करीब 15 मिनट तक पूरे जिले में अंधकार रहा। इस दौरान चौराहों पर हेडलाइट जलाकर निकल रहे लोगों को पुलिसकर्मियों ने रोका और लाइटें बंद करवाईं। नागरिकों ने भी जागरूकता दिखाते हुए पड़ोसियों को रोशनी बंद रखने की सलाह दी। विद्यालयों, महाविद्यालयों, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड और स्वयंसेवी संस्थाओं ने अभ्यास में सक्रिय भागीदारी निभाई। कहीं से भी अफरा-तफरी या घबराहट की सूचना नहीं मिली, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासन की ओर से पहले ही की गई समझाइश कारगर रही। मॉक ड्रिल के माध्यम से जिला प्रशासन ने हवाई हमले की स्थिति में ब्लैकआउट, आपात सूचनाओं के आदान-प्रदान, नियंत्रण कक्षों की कार्यप्रणाली, मेडिकल और रसद व्यवस्था, फायर सेफ्टी तथा विभागीय समन्वय जैसी व्यवस्थाओं को परखा।
अभ्यास के अंत में दो मिनट का सायरन बजने के साथ ही लाइटें दोबारा चालू की गईं। मॉक ड्रिल के दौरान न केवल व्यवस्थाएं जांची गईं, बल्कि नागरिकों को भी सुरक्षा के प्रति सजग रहने के जरूरी सबक मिले।