
लगातार बारिश के बाद जिले के जर्जर विद्यालय भवनों को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। विद्यार्थियों और आमजन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया गया।
जिला कलक्टर प्रताप सिंह के निर्देशन में अतिरिक्त जिला कलक्टर परसाराम के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित किए गए। इनमें सार्वजनिक निर्माण विभाग, नगरपरिषद, डिस्कॉम, वाटरशेड, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी सहित विभिन्न विभागों के अभियंता शामिल रहे। उपखंड अधिकारियों के मार्गदर्शन में इन दलों ने ग्राम पंचायत स्तर तक विद्यालय भवनों का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान भवनों की दीवारों, छतों, गेट, पानी के टांकों, शौचालयों और परिसर की संरचनात्मक मजबूती का मूल्यांकन किया गया। पानी के रिसाव, निकासी व्यवस्था, विद्युत उपकरणों की स्थिति, वॉटर प्रूफिंग, शेड की सुरक्षा और स्वच्छता जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया। टीमों को निर्देशित किया गया कि खुले सोख्ता कुएं, चालू मोटर पंप या अन्य असुरक्षित स्थानों के पास छात्रों की आवाजाही रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।यहां कमरे असुरक्षित, सुरक्षित भवनों में पढ़ाईअभियान में 70 से अधिक विद्यालय जर्जर और 2100 से अधिक कमरे असुरक्षित पाए गए। इन कमरों में कक्षाएं संचालित नहीं होंगी। प्रभावित विद्यालयों के भवनों पर ताले और रेड क्रॉस का निशान लगाया जा रहा है। जहां संभव हुआ, विद्यार्थियों को समीपवर्ती सुरक्षित भवनों में स्थानांतरित कर शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखी गईं। सार्वजनिक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को आवश्यक मरम्मत व रखरखाव तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध या जर्जर भवन की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें, ताकि समय रहते सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
Published on:
06 Aug 2025 08:37 pm
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