
राजस्थान में पिछले पांच वर्षों में किसानों के लिए इनपुट सब्सिडी योजना के तहत केंद्र सरकार ने 1183.61 करोड़ रुपए का आवंटन किया, लेकिन किसानों तक सिर्फ 540.88 करोड़ रुपये ही पहुंचे। यानी कुल राशि का महज 45.69 प्रतिशत हिस्सा ही जमीन पर दिखाई दिया। लोकसभा सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने संसद में इस मुद्दे को उठाते हुए सवाल किया कि इतनी बड़ी राशि के बावजूद बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा जैसे सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को योजना का पूरा लाभ क्यों नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कई किसानों को आज तक एक भी किश्त नहीं मिली और उन्हें यह भी जानकारी नहीं कि वे लाभार्थी सूची में शामिल हैं या नहीं। बेनीवाल ने यह भी बताया कि जब संसद में जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर आंकड़ों की मांग की गई, तो सरकार की ओर से केवल समग्र राज्य स्तरीय डेटा दिया गया। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि किस जिले, पंचायत या ब्लॉक को कितना लाभ मिला और कौन वंचित रहा।
सांसद ने कहा कि किसानों को पोर्टल पंजीकरण, बैंक लिंकिंग और भू-अभिलेख सत्यापन जैसी तकनीकी अड़चनों के चलते लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में जब 50 प्रतिशत से कम राशि किसानों तक पहुंचे, तो योजनाओं की उपयोगिता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। उन्होंने केंद्र से मांग की कि इन योजनाओं को पारदर्शी, त्वरित और ग्रामस्तर पर जवाबदेह बनाया जाए, ताकि किसानों को उनका वास्तविक हक़ समय पर मिल सके।
Published on:
22 Jul 2025 09:09 pm
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