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जैसलमेर रेलवे स्टेशन का नया रूप: आधुनिकता और संस्कृति का संगम

देश-विदेश में पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध जैसलमेर के रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और सौन्दर्यकरण के कार्य निरंतर जारी है।

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देश-विदेश में पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध जैसलमेर के रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और सौन्दर्यकरण के कार्य निरंतर जारी है। स्टेशन के विशालकाय मुख्य द्वार से लेकर भीतरी भाग में नई इमारतों से लेकर प्लेटफार्मों पर करवाए जा रहे कार्य वर्तमान में आवाजाही करने वाले यात्रियों से लेकर आमजन विशेषकर पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत लोगों के बीच आकर्षण का विषय बन रहे हैं। गौरतलब है कि आधुनिकता और स्थानीय कला-संस्कृति को समाहित करते हुए रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के कार्य आगामी अक्टूबर माह तक पूर्ण करवाए जाने हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन पर 140 करोड़ रुपए की लागत से 48 हजार वर्गफीट से अधिक क्षेत्र में पुनर्विकास के कार्य करवाए जा रहे हैं। स्टेशन के निर्माण कार्यों में जैसलमेर के पीत पाषाणों का इस्तेमाल करते हुए बहुमंजिला भवनों व चारदीवारी आदि के कार्य के साथ प्लेटफार्मों पर यात्रियों की सुविधा के कार्य हो रहे हैं।

देश के कुल 508 स्टेशनों का कायाकल्प

भारतीय रेलवे के कुल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य देश भर में जारी है। इसके तहत ही जैसलमेर में 140 करोड़ रुपए की लागत से रेलवे स्टेशन का एयरपोर्ट की तर्ज पर हो रहे पुनर्विकास के कार्य पिछले वर्ष शुरू करवाए गए थे। जैसलमेर सहित उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के 15 स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के अन्तर्गत लगभग 860 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है। जैसलमेर स्टेशन पर इसके अलावा 52 करोड़ रुपए की लागत से ट्रेन अनुरक्षण डिपो का निर्माण भी अलग से करवाया जाएगा। इसमें एक वॉशिंग लाइन दो हैवी रिपेयर और दो स्टेबल लाइन का भी निर्माण करवाया जाना है। माना जा रहा है कि स्टेशन पर कार्य पूरे होने के बाद जैसलमेर के लिए कई लम्बी दूरी की नई टे्रनों की सौगात मिल सकेंगी।

यात्रियों को मिलेंगी सुविधाएं

  • उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के 15 स्टेशनों जिनमें जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, नोखा, बाड़मेर, मेड़ता रोड, डीडवाना, गोटन, सुजानगढ़, रामदेवरा, बालोतरा, रेन, फलोदी, डेगाना व देशनोक शामिल हैं, का पुनर्विकास करवाया जा रहा है।
  • यात्रियों की सुविधा के लिए 10 लिफ्ट और इतने ही एस्केलेटर का प्रावधान किया गया है। इसमें इको फ्रेंडली सिस्टम के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटए रेन वाटर हार्वेसिंग और ग्रीन बिल्डिंग पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा हरित पर्यावरण के लिए 900 केवीए के सोलर पैनल्स लगाए जाएंगे।
  • स्टेशन के पुनर्विकास में राजस्थानी हैरिटेज और आधुनिकता के समावेश से इसे आकर्षक रूप दिया जाएगा।
  • स्टेशन पर करवाए जा रहे कार्यों से भारत की विविधता को भव्यता के साथ दिखाया जाएगा।
  • पुनर्विकसित स्टेशन में नई अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं तथा मौजूदा सुविधाओं के अपग्रेडेशन से यात्रियों को बेहतर और उत्कृष्ट सुविधाएं मिल सकेंगी।
  • स्टेशनों पर लेंडस्केप के साथ सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, अलग-अलग प्रवेश व निकास द्वार, दुपहिया, चार पहिया और ऑटो रिक्शा के लिए पार्किंग की अलग-अलग सुविधा होगी।
  • यात्री क्षमता के अनुसार पर्याप्त क्षेत्र में प्रवेश हॉल का निर्माण, कोच इंडिकेशन बोर्ड का प्रावधान, वेटिंग रूम, स्टेशन बिल्डिंग के आंतरिक व बाहरी भाग में उत्कृष्ट साज-सज्जा, स्थानीय लोक कला से निर्माण, नए प्लेटफॉर्म शेल्टर, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं, बेहतर साइनेज की सुविधाए 12 मीटर चौड़ाई के फीट ओवर ब्रिज आदि यात्री सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
  • जैसलमेर स्टेशन की मुख्य इमारत 8227 वर्गमीटर के क्षेत्रफल में होगी। यहां 36 गुणा 28 मीटर चौड़ाई का एयर कॉनकार्स बनवाया जा रहा है। जिसमें फुड कोर्ट, शॉपिंग कोर्ट, कैफेटेरिया, वेटिंग एरिया और प्ले एरिया होगा। स्टेशन के विकास कार्य 48315 वर्गमीटर क्षेत्र में करवाया जा रहा है।