26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

’19 वीं सदी के प्रमुख समाज सेवक माने जाते हैं फुले’

- महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई

less than 1 minute read
Google source verification
'19 वीं सदी के प्रमुख समाज सेवक माने जाते हैं फुले'

'19 वीं सदी के प्रमुख समाज सेवक माने जाते हैं फुले'

जैसलमेर. महात्मा ज्योतिबा फुले का जयंती समारोह रविवार को मनाया गया। इस दौरान वक्ताओं ने अवगत कराया कि ज्योतिराव गोविंदराव फुले को 19 वीं सदी का प्रमुख समाज सेवक माना जाता है। उन्होंने भारतीय समाज में फैली अनेक कुरीतियों को दूर करने के लिए सतत संघर्ष किया। अछूतोद्वार, नारी-शिक्षा, विधवा, विवाह और किसानों के हित के लिए ज्योतिबा ने उल्लेखनीय कार्य किया है। उनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को सतारा महाराष्ट्र में हुआ था। उनका परिवार बेहद गरीब था और जीवन-यापन के लिए बाग़.बगीचों में माली का काम करते थे। गुलामी से उन्हें नफरत होती थी। उन्होंने महसूस किया कि जातियों और पंथो पर बंटे, इस देश का सुधार तभी संभव है, जब लोगो की मानसिकता में सुधार होगा। उस समय समाज में वर्गभेद अपनी चरम सीमा पर था। स्त्री और दलित वर्ग की दशा अच्छी नहीं थी, उन्हें शिक्षा से वंचित रखा जाता था। ज्योतिबा को इस स्थिति पर बड़ा दु:ख होता था, उन्होंने स्त्री सुर दलितों की शिक्षा के लिए सामाजिक संघर्ष का बीड़ा उठाया। उनका मानना था कि माताएं जो संस्कार बच्चो पर डालती हैंए उसी में उन बच्चो के भविष्य के बीज होते है, इसलिए लड़कियों को शिक्षित करना आवश्यक है। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में माली सैनी समाज अध्यक्ष देवीलाल पंवार, महामंत्री राजेन्द्र कुमार सैनी, महात्मा ज्योतिबा फुले जाग्रति मंच के जिलाध्यक्ष मेघराज परिहार, प्रदेश उपाध्यक्ष घनश्याम परिहार, देवकाराम माली, जिलाध्यक्ष कोषाध्यक्ष लीलाधर सौलंकी, उपाध्यक्ष तोलाराम परिहार व रमनलाल परिहार, योग गुरु चूनीलाल पंवार, बहुजन मंच से मोहनलाल, मालाराम, मूलसिंह, शिवदानराम, अरुणा देवड़ा, मूलाराम माली, दशरथ परिहार, महेंद्रसिंह आदि मौजूद थे।