यह है हकीकत
पोकरण तहसील क्षेत्र में हजारों बीघा ओरण, गोचर, नाडी-तालाब व उनके आगोर दर्ज नहीं है। जिसके कारण उनका संरक्षण भी नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र में सौर व पवन ऊर्जा के संयंत्र लग रहे है। कई गांवों में ओरण, गोचर आदि रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने के कारण ऐसी भूमि सिवायचक के रूप में इन कंपनियों को आवंटित भी हो रही है। ऐसे में इनके संरक्षण को लेकर चिंता बनी हुई है।
कर रहे है प्रयास, चला रहे अभियान
क्षेत्र में ओरण, गोचर, नाडी-तालाब, उनके आगोर के रूप में हजारों बीघा भूमि स्थित है। जिनके राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने के कारण संरक्षण नहीं हो रहा है। इसके लिए पुराना रिकॉर्ड खंगालकर भूमि को दर्ज करवाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। साथ ही जनजागरण के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। बलवंतसिंह जोधा, संयोजक ओरण-गोचर, तालाब संरक्षण संघर्ष समिति, पोकरण