यूं हो जाते हादसे
क्षेत्र में सडक़ों के किनारे छोटे पत्थर या रेत के ढेर कर इन पाइपों को रखा जाता है। तेज आंधी या बारिश के दौरान पाइपों के गोलाकार होने के कारण ये लुढक़ जाते है। ढलान की स्थिति में इन पाइपों के लुढक़ने की गति तेज हो जाती है और रास्ते में आने वाले लोगों, पशुओं व मकान आदि निर्मित स्थलों तक को नुकसान पहुंचा जाते है।
कई बार लुढक़े पाइपों ने किया नुकसान
पोकरण से फलसूंड तक डेढ़ दशक पूर्व कार्य के पूर्ण होने के बाद बचे हुए पाइपों को जगह-जगह सडक़ों के किनारे छोड़ा गया है। इन 15 वर्षों में यहां कई बार इन पाइपों के लुढक़ने से मकानों, टांकों आदि को क्षतिग्रस्त करने की घटनाएं हो चुकी है। यही नहीं रामदेवरा के पास एक पाइप की चपेट में आने से बालिका की मौत भी हो चुकी है।
कब जागेंगे जिम्मेदार
पोकरण से नाचना व पोकरण से फलसूंड के मार्गों के बीच कई जगहों पर ऐसे बड़े पाइप डालकर छोड़े गए है, जिनके कारण आए दिन हादसे भी हो रहे है। हादसों के बाद भी जिम्मेदार नहीं जाग रहे है। जिससे यहां कभी और किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। हादसों की रिपोर्ट
- 28 जून 2016 को प्रहलादसर में पाइप लुढक़ने से खेत की 12 पट्टियां व तारबंदी टूट गई
- 11 जून 2020 को भणियाणा-माड़वा गांव के बीच पाइप लुढक़ने से एक खेत की तारबंदी व पांच पट्टियां टूटी
- 12 मई 2021 को प्रहलादसर गांव के पास पाइप लुकढऩे एक मकान के आगे का कमरा, बरामदा ढह गया
- 11 जुलाई 2022 को नाचना मार्ग पर चौराली फांटा के पास पाइप लुढक़ने से एक बालिका की मौत हो गई व एक बालिका घायल हुई
कई बार करवाया अवगत
सडक़ किनारे पड़े इन बड़े पाइपों के लुढक़ने के कारण कई बार हादसे हो चुके है। जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। जबकि जिम्मेदारों को कई बार अवगत करवाने के बाद भी इन्हें हटाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
- रावलराम गोदारा, निवासी प्रहलादसर
हो रहे है हादसे
आंधी, तूफान के दौरान पाइप लुढक़ कर खेतों व घरों में नुकसान पहुुंचाते है। कई बार इनकी चपेट में आने से हादसे भी हो रहे है, लेकिन जिम्मेदार इन पाइपों को हटाने के लिए ध्यान नहीं दे रहे है।