
पोकरण. जोधपुर से आने वाले पदयात्री संघों की भीड़। फाइल
लोक देवता बाबा रामदेव का अंतरप्रांतीय मेला आगामी भादवा माह में आयोजित होगा, जिसमें केवल दो माह का समय शेष रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं की आवक एक माह बाद श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में शुरू हो जाएगी। रामदेवरा जाने वाले अधिकांश श्रद्धालु पोकरण में बाबा रामदेव के इतिहास से जुड़े स्थलों का भी भ्रमण व दर्शन करते है, लेकिन यहां इन मेलार्थियों के लिए कोई विशेष व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण उन्हें कई परेशानियों से रु-ब-रु होना पड़ता है। रामदेवरा गांव में लोकदेवता बाबा रामदेव की समाधि स्थित है। यहां भादवा माह में 10 दिनों तक मेला आयोजित होता है, जबकि श्रद्धालुओं की आवक श्रावण माह में शुरू हो जाती है। करीब डेढ़ माह की अवधि में 40 से 50 लाख श्रद्धालु बाबा की समाधि के दर्शनों के लिए रामदेवरा पहुंचते है। इनमें से 60 से 70 प्रतिशत श्रद्धालु पोकरण आकर बाबा रामदेव के इतिहास से जुड़े उनके गुरु बालीनाथ महाराज के आश्रम के दर्शन करते है। इसके साथ ही ऐतिहासिक फोर्ट, रामदेवसर व सालमसागर तालाब का भ्रमण करते है। मेले के दौरान रामदेवरा में प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने के लिए प्रयास किए जाते है। इसके अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों, संभागभर से पुलिसकर्मियों, आरएसी के जवानों आदि की ड्यूटी लगाई जाती है, जबकि पोकरण में कोई विशेष इंतजाम नहीं होते है। ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होती है।
बालीनाथ महाराज लोकदेवता बाबा रामदेव के गुरु थे। जिनका आश्रम पोकरण कस्बे में रामदेवसर व सालमसागर तालाब के पास स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी आश्रम में बाबा रामदेव की भैरव राक्षस से भेंट हुई थी और बाबा रामदेव ने कस्बे से पांच किलोमीटर दूर स्थित पहाड़ी पर एक गुफा में भैरव राक्षस को बंद कर गुफा को बड़ी शिला से बंद कर दिया। ऐसे में गुरु बालीनाथ महाराज का आश्रम बाबा के इतिहास से जुड़ा होने के कारण श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र है। रामदेवरा आने वाले अधिकांश श्रद्धालु पोकरण आकर बालीनाथ आश्रम में स्थित उनके आश्रम के दर्शन करने के बाद ही अपनी यात्रा को पूर्ण समझते है।
भादवा माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को जोधपुर से पदयात्री संघों की आवक शुरू हो जाती है। अलग-अलग संघों के सैकड़ों पदयात्रियों का चार दिन तक यहां रेला लगता है। ये श्रद्धालु जोधपुर रोड, राउमावि मैदान, उपखंड अधिकारी कार्यालय के आगे, अंबेडकर सर्किल, रेलवे स्टेशन रोड, रामदेवरा रोड आदि जगहों पर डेरा डालते है। इस दौरान सफाई व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा को लेकर भी बेहतर इंतजाम करने की जरूरत रहती है।
जोधपुर, बाड़मेर व जैसलमेर के रास्ते रामदेवरा पहुंचने वाले श्रद्धालु की पोकरण में दो बार आवक होती है। एक बार रामदेवरा जाते समय और दर्शन कर वापिस लौटते समय। ऐसे में एक श्रद्धालु पोकरण में दो बार पहुंचता है। जिससे भीड़ व चहल पहल भी बढ़ती है।
भादवा मेले को लेकर आगामी दिनों में बैठकों का आयोजन किया जाएगा। रामदेवरा के साथ पोकरण में भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिले।
Published on:
25 Jun 2025 10:54 pm
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