
सरकार की ओर से आमजन की सुविधा को लेकर डिस्कॉम में शुरू की गई एफआरटी योजना पर्याप्त कार्मिकों के अभाव में कारगार सिद्ध नहीं हो पा रही है। जिसके कारण आमजन के साथ अधिकारियों को भी परेशान होना पड़ रहा है। जबकि जिम्मेदारों की ओर से कार्यकारी एजेंसी को पाबंद करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से विद्युत निगमों में फॉल्ट को सुधारने, विद्युत पोलों व तारों को ठीक करने और आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए फॉल्ट रेक्टीफिकेशन टीम एफआरटी योजना बनाई गई। इस योजना के अंतर्गत पूर्व में जीएसएस स्तर पर और अब प्रदेश स्तर पर एक कार्यकारी एजेंसी को कार्य दिया गया है। जीएसएस स्तर पर उपभोक्ताओं की संख्या के अनुसार एफआरटी टीमें लगाई जाती है। जिससे उपभोक्ताओं की बिजली संबंधी समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो सके और उन्हें राहत मिल सके, लेकिन पोकरण में एफआरटी कर्मचारियों की कमी के कारण आमजन के लिए यह योजना परेशानी का कारण बन गई है।
डिस्कॉम सूत्रों के अनुसार पोकरण कस्बे के 33 केवी जीएसएस पर कार्यरत एफआरटी में कुल 15 पद स्वीकृत है। इसमें से 4 कार्मिक ही कार्यरत है। इसके अलावा तकनीशियन के 6 में से केवल 2 जने ही कार्यरत है। ऐसे में कस्बे के 30 हजार से अधिक की आबादी की विद्युत संबंधी समस्याओं का निस्तारण समय पर नहीं हो पाता है।
कर्मचारियों की कमी का खामियाजा मौसम खराब होने पर आमजन को भुगतना पड़ता है। हल्की आंधी, बारिश के दौरान कहीं पर भी फॉल्ट आ जाने पर समय पर समस्या का निस्तारण नहीं हो पाता है। जिसके कारण उपभोक्ताओं को घंटों तक बिन बिजली रहना पड़ता है।
कस्बे में विद्युत संबंधी समस्या होने पर एफआरटी में कर्मचारियों की कमी के कारण आमजन के साथ डिस्कॉम अधिकारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार समय पर फॉल्ट नहीं मिलने अथवा एक से अधिक जगहों पर फॉल्ट हो जाने पर कई घंटे तक विद्युत आपूर्ति बंद रहती है। इस दौरान आमजन को परेशानी होती ही है। इसके साथ ही डिस्कॉम के अधिकारियों के लिए परेशानी उत्पन्न हो जाती है।
कर्मचारियों की कमी के साथ ही कार्यकारी एजेंसी की ओर से कार्यरत कार्मिकों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण भी मुहैया नहीं करवाए जा रहे है। जिसके कारण आए दिन हादसे भी हो रहे है। बिना सुरक्षा उपकरण के हाइटेंशन विद्युत लाइनों को ठीक करने के दौरान कस्बे में कुछ कार्मिकों की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद उपकरण मुहैया करवाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
एफआरटी की कार्यकारी एजेंसी को डिस्कॉम की ओर से प्रत्येक माह हजारों रुपए का भुगतान किया जा रहा है। जबकि कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण उपभोक्ताओं की समस्याओं का समय पर समाधान नहीं हो रहा है।
Published on:
10 Jun 2025 10:41 pm
बड़ी खबरें
View Allजैसलमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
