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हकीकत : खेल मैदानों की कमी… इसलिए निखर नहीं पा रही प्रतिभाएं

राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में पूरे देश में खेल गति विधियां हो रही है। इन सबके बीच सीमांत जिलों में खेल का वास्तविक परिदृश्य कुछ और ही है।

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राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में पूरे देश में खेल गति विधियां हो रही है। इन सबके बीच सीमांत जिलों में खेल का वास्तविक परिदृश्य कुछ और ही है। जैसलमेर जिला मुख्यालय के प्रमुख सरकारी स्कूल—अमर शहीद सागरमल गोपा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कुम्हार पाड़ा और मगनीदेवी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय—में खेल मैदानों का अभाव है। इन स्कूलों को नगरपरिषद के अधीन पूनम स्टेडियम पर निर्भर रहना पड़ता है, जहां सुविधाएं सीमित हैं और पहुंच मुश्किल है।ऐसे में खेल गतिविधियां केवल औपचारिकता बनकर रह गई हैं। अमर शहीद सागरमल गोपा और कुम्हार पाड़ा विद्यालयों में एक छोटा सा ग्राउंड भी नहीं है, जबकि बालिका विद्यालय में लड़कियों के लिए केवल सामान्य गतिविधियों तक सीमित प्ले एरिया उपलब्ध है। पूनम स्टेडियम एक किलोमीटर दूर होने के कारण वहां आयोजन करना भी मुश्किल हो जाता है।

राजस्थान सरकार उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण दे रही है और हर स्कूल को खेल से जोड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन सीमांत जिलों में मैदानों की कमी के कारण ये योजनाएं प्रभावी नहीं हो रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों में खेल मैदानों की उपलब्धता में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन बॉर्डर जिलों में स्थिति जस की तस बनी हुई है। बाड़मेर और बालोतरा जिलों में भी स्थिति निराशाजनक है। कई स्कूलों में खेल मैदान नहीं हैं, जिससे लड़कियां पढ़ाई छोड़ रही हैं। खेल मैदानों की कमी से छात्रों का शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है और होनहार प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षा विभाग और सरकार को मिलकर सीमांत जिलों में खेल मैदान और संसाधन विकसित करना चाहिए।खेल दिवस के उत्सव मनाना आसान है, लेकिन असली चुनौती जमीनी स्तर पर सुविधाएं पहुंचाना है।

धरातल पर प्रयास जरूरी

खेल को लेकर धरातल पर काम करना होगा, संसाधन और समर्पित कोच से खेल प्रतिभा को निखारा जा सकता है, जैसलमेर जिले की प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं जैसलमेर की बास्केटबॉल अकादमी के खिलाड़ियों ने देश भर नाम कमाया है, हर स्कूल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देकर प्रतिभाओं को निखार सकते हैं परंतु सरकारों के उपेक्षित व्यवहार से खेल दम तोड़ रहे हैं।

-प्रकाश विश्नोई खारा, प्रदेश उपाध्यक्ष