दल के संयोजक हाकमदान झीबा ने बताया कि इस तीन दिवसीय अभियान के तहत 2,000 से अधिक गोवंश को रेडियम बेल्ट पहनाई जाएगी। यह बेल्ट रात में चमकती है, जिससे अंधेरे में वाहन चालकों को सड़क पर खड़े या चल रहे पशु आसानी से दिख सकें और हादसों की आशंका कम हो। यह कदम विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उठाया गया है, जहां सड़क हादसों की घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं।
पूर्व में हो चुके हादसे
झीबा के अनुसार सबसे अधिक दुर्घटनाएं धोलिया के पास हुई हैं, जहां सड़क पर अचानक आ जाने वाले पशुओं के कारण कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए। ऐसे में पर्यटन सीजन के शुरू होने से पहले सड़क सुरक्षा के लिए यह अभियान शुरू करना जरूरी हो गया। रेडियम बेल्ट की व्यवस्था भामाशाहों और दल के सदस्यों के सहयोग से की गई है। अभियान में देरावरसिंह भाटी, सुशील सोनी और कुलदीपसिंह बतौर भामाशाह सहयोग दे रहे हैं। दल का मानना है कि यह प्रयास न केवल गोवंश के संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि यात्रियों के लिए भी सुरक्षित यात्रा में भी कारगर साबित होगा।गो रक्षक दल से जुड़े महेन्द्र पंसारी बताते हैं कि इस पहल ने सड़क सुरक्षा और पशु कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक नई मिसाल पेश की है। जैसलमेर और पोकरण मार्ग पर यात्रा करने वाले वाहन चालकों की ओर से भी इस कवायद की सराहना की जा रही है।