देश के कई राज्यों से आए श्रद्धालु
गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उतर प्रदेश सहित कई राज्यों से श्रद्धालु रामदेवरा में बाबा रामदेव समाधि दर्शन को पहुंचे। श्रद्धालुओं का मंगलवार रात से निजी वाहनों को लेकर आने का जो दौर शुरू हुआ, वो बुधवार देर शाम तक लगातार जारी रहा। लोक देवता बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन के लिए मंगलवार रात को पट जहां 11 बजे तक खुले रहे, वही मंगलवार अल सुबह 3 बजे समाधि के पट खोले गए। श्रद्धालुओं के निजी वाहनों के अलावा रेल, बसों सहित कई यात्री वाहनों से रामदेवरा पहुंचने पर समाधि परिसर के भीतर और बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें बुधवार शाम तक लगी रहीं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए समाधि समिति ने श्रद्धालुओं के लिए समाधि स्थल के पट सुबह 3 बजे ही खोल दिए, वही समाधि परिसर के भीतर फोगर सिस्टम से श्रद्धालुओं के ऊपर पानी का छिडक़ाव करने से लोगों को भीषण गर्मी और उमस में राहत मिली। लाइनों में खड़े श्रद्धालुओं के लिय पीने के पानी का भी प्रबंध किया गया।
स्वर्ण मुकुट का प्रतिस्थापन
लोक देवता बाबा रामदेव समाधि पर हर शुक्ल पक्ष की दूज के दिन स्वर्ण मुकुट मंगला आरती के साथ प्रतिस्थापन किया जाता है। बुधवार को भी बाबा की बीज पर समाधि के अभिषेक व मंगला आरती के बाद स्वर्ण मुकुट का प्रतिस्थापन किया गया।
व्यवस्था के लिए लगाया अतिरिक्त जाब्ता
रामदेवरा में बुधवार को ज्येष्ठ शुक्ल दूज के चलते पुलिस, आरएसी और होम गार्ड का अतिरिक्त जाब्ता क्षेत्र में दर्शन व्यवस्था,यातायात व्यवस्था के साथ शांति व्यवस्था के लिए लगाया गया। अतिरिक्त जाब्ते के चलते क्षेत्र में यात्री शांति पूर्वक दर्शन कर अपने गंतव्य स्थलों की तरफ लौट गए। रामदेवरा एसएचओ शंकरलाल और पोकरण डिप्टी भवानी सिंह ने भी रामदेवरा में व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
मंदी से मिली राहत
क्षेत्र के भीतर यात्रियों की भारी आवक के रहते बुधवार को हर व्यापारिक प्रतिष्ठान पर यात्रियों की भारी भीड़ रही। गत एक पखवाड़े से क्षेत्र के सभी व्यापारी भारी मंदी का सामना कर रहे थे। यात्रियों ने भी बाबा रामदेव समाधि दर्शन के बाद परचा बावड़ी और झूला-पालना,रूणिचा कुआ, पंच पीपली, भैरव राक्षस गुफा आदि के दर्शन किए।