पाथेय कण के सेवा विशेषांक का विमोचन
जैसलमेरPublished: Nov 30, 2020 01:32:33 pm
जैसलमेर. कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से किए गए सेवा कार्यों पर केंद्रित पाथेय कण के सेवा विशेषांक का रविवार को जैसलमेर में विमोचन किया गया। इस अवसर पर सह प्रांत प्रचारक जोधपुर राजेश ने बताया कि संघ के तीन लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने 55 हजार से अधिक स्थानों पर सेवा कार्य किए।
पाथेय कण के सेवा विशेषांक का विमोचन
जैसलमेर. कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से किए गए सेवा कार्यों पर केंद्रित पाथेय कण के सेवा विशेषांक का रविवार को जैसलमेर में विमोचन किया गया। इस अवसर पर सह प्रांत प्रचारक जोधपुर राजेश ने बताया कि संघ के तीन लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने 55 हजार से अधिक स्थानों पर सेवा कार्य किए। इस दौरान 2.25 करोड़ भोजन पैकेट व 3-4 लाख भोजन किट वितरित किए गए। इस अवसर पर विभाग संघचालक डॉ. दाऊलाल शर्मा, जिला संघचालक त्रिलोकचंद खत्री और व सह प्रांत कार्यवाह अमृत दैया भी मौजूद थे।
राजेश ने कहा कि अंक प्रकाशित होने तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 18 लाख लोगों को काढ़ा पिलाया गया। इसी प्रकार 13500 स्वयंसेवकों ने रक्तदान भी किया। उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के लिए आवास एवं रोजगार की व्यवस्था की गई। राजस्थान में हजारों गांवों में ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन कर लोगों को कोरोना महामारी से बचाव के उपाय सुझाए गए तथा 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था की गई। प्रशासन को भी अपेक्षित सहयोग व उसके साथ समन्वय किया गया। उन्होंने कहा कि पाथेय कण के वर्तमान अंक में इन सभी सेवाकार्यों का संकलन किया गया है। जिला प्रचार प्रमुख मांगीलाल बामणिया ने बताया कि विशेषांक में कोरोना काल में संघ के स्वयंसेवकों एवं विविध संगठनों द्वारा देशभर में किए गए सेवा कार्यों की जानकारी संकलित की गई है।
नि:स्वार्थ सेवा व समर्पण का दूसरा नाम संघ
आदर्ष विद्या मंदिर जैसलमेर के प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत प्रचारक राजेष ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नि:स्वार्थ भाव से सेवा और समर्पण का ही दूसरा नाम है। यह बात कोरोना काल में पूरे देश में स्वयंसेवकों ने एक बार फिर सिद्ध की। उन्होंने इस अवसर पर दिए बौद्धिक में उन्होंने षिवाजी महाराज के जीवन की घटना का स्मरण करवाते हुए जीवन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कोरोना के विकट काल में भोपाल का उदाहरण देते हुए बताया कि स्वयंसेवकों ने कोरोना के कारण काल कववित हुए लोगों का अंतिम संस्कार किया। पूना में चिकित्सकीय जानकारी लेकर अपने जीवन की परवाह किए बिना स्वयंसेवकों ने चिकित्सा क्षेत्र में पूर्ण सहयोग किया। बौद्धिक नगर व जिले के विभिन्न खंडों से आए स्वयंसेवकों ने शारीरिक दंड व योग का प्रदर्षन किया।