
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत चल रहे गिव-अप अभियान की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार इस अभियान के माध्यम से उन परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर कर रही है, जो पात्रता की श्रेणी में नहीं आते, लेकिन अभी तक इसका लाभ ले रहे थे।
राजस्थान खाद्य सुरक्षा नियम 2023 की अनुसूची-1 के अनुसार, ऐसे परिवार जिनमें कोई आयकरदाता हो, सरकारी या अद्र्धसरकारी सेवा में कोई सदस्य कार्यरत हो, वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख से अधिक हो, या जिनके पास चार पहिया वाहन हो, ट्रैक्टर जैसे जीविकोपार्जन में प्रयुक्त वाहनों को छोडक़र, उन्हें अपात्र माना गया है।
प्रदेश भर में 1 नवंबर 2024 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 22,31,899 लोगों ने स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़ दिया है। इससे राज्य सरकार पर 409.39 करोड़ रुपए का वार्षिक वित्तीय भार कम होगा। जैसलमेर जिले में अब तक 5918 व्यक्तियों ने योजना से नाम हटवाया है। जिले में अपात्र पाए गए 174 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनसे वसूली की कार्रवाई प्रस्तावित है। खाद्य विभाग की ओर से जिला रसद अधिकारी, प्रवर्तन अधिकारी और निरीक्षकों की टीम उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण कर रही है तथा अपात्र लाभार्थियों को नोटिस भी दिए जा रहे हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने अब तक 14 जिलों में दौरे कर गिव-अप अभियान की समीक्षा की है। सभी जिलों में अधिकारियों को नए लक्ष्य दिए गए हैं, जिनकी साप्ताहिक निगरानी की जाएगी।
खाद्य विभाग अब परिवहन विभाग से चार पहिया वाहनों का डेटा लेकर अपात्र लाभार्थियों की पहचान कर रहा है। ऐसे लोगों को भी नोटिस जारी होंगे और उनसे वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
अपात्र व्यक्ति 31 अगस्त 2025 तक खाद्य विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर योजना से स्वेच्छा से नाम हटवा सकते हैं। स्वेच्छा से नाम हटवाने पर वसूली नहीं की जाएगी।
Updated on:
03 Jul 2025 06:22 am
Published on:
02 Jul 2025 08:23 pm
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