
दो साल से नहीं निकाली मिट्टी,उग गई झाड़ियाँ,उगने लगी घास,नहर में बन गई सड़क
जैसलमेर/मोहनगढ़. इंदिरा गांधी नहर में इन दिनों साफ सफाई, मरम्मत व रखरखाव को लेकर नहर बंदी चल रही है। साफ सफाई, मरम्मत व रखरखाव को लेकर नहर बंदी तो हर साल हो रही है। नहर से मिट्टी निकालने के लिए हर साल करोड़ों का बजट भी खर्च हो रहा है। उसके बावजूद नहर से एक तगारी मिट्टी नहीं निकाली गई है। नहर से मिट्टी नहीं निकालने के कारण दिनों दिन नहर की गहराई व चौड़ाई कम होती जा रही है। वहीं नहर में जमा मिट्टी इतनी ठोस हो गई है। इस पर पशुओं की आवाजाही बनी रहती है। वहीं इस मोटरसाईकिल को भी आराम से चलाया जा सकता है। पिछले दो साल से इंदिरा गांधी नहर से मिट्टी के नहीं निकलने के कारण नहर में जमा मिट्टी में अब तो झाडिय़ां भी उगने लगी है। नहर की गहराई व चौड़ाई के कम होने से इस क्षेत्र के किसानों को पानी भी काफी मिलने लगा है। नहर में पानी संग्रहण करने की क्षमता भी काफी कम हुई है। पानी के संग्रहण करने की क्षमता के कम होने से नहर बंदी के दौरान नहरी क्षेत्र में पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
नहर में जमा मिट्टी में उग आई झाडिय़ां व घास
इंदिरा गांधी नहर में पिछले साल भी मार्च माह से ही नहर बंदी शुरू हो गई। नहर बंदी के बाद से ही नहरी क्षेत्र में माईनर व वितरिकाएं पूरी तरह से सूख गई थी। पानी के अभाव में सैंकड़ों पशुओं ने दम तौड़ दिया था। नहर बंदी के दौरान नहर विभाग ने साफ सफाई के लिए करोड़ों रूपये का बजट भी स्वीकृत किया गया। उसके बावजूद नहर से बिना मिट्टी निकाले ही करोड़ों का बजट भी खर्च हो गया। पिछले साल 29 मार्च 2018 से नहर बंदी शुरू हुई थी। वहीं 40 दिन बाद नहर में पानी छोड़ दिया गया। नहर बंदी के 40 दिन तक रहने के बावजूद नहर से मिट्टी नहीं निकाली गई। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका के 13 मई 2018 के अंक में नहर से मिट्टी तो निकाली नहीं और छौड़ दिया पानी शीर्षक से समाचार भी प्रकाषित हुआ था। उसके बावजूद नहर विभाग द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया गया। यही स्थिति अब भी बनी हुई है। नहर बंदी के चलते इन दिनों नहर में पानी काफी कम हो गया है। उसके बावजूद नहर विभाग द्वारा अभी तक मिट्टी निकालने का कार्य शुरू नहीं किया है। जिसकी वजह से नहर में काफी मिट्टी जमा है। नहर में जमा मिट्टी में घास व बबूल की झाडिय़ां भी उगने लगी है। इस मिट्टी पर दिन भर पशु चरते नजर आते है। मिट्टी इतनी कठोर हो चुकी है कि इस साईकिल, मोटरसाईकिल आदि को आराम से चलाया जा सकता है। पशुओं की दिन भर आवाजाही बनी रहती है।
मिट्टी की वजह से कम मिलता है पानी
इंदिरा गांधी नहर में पिछले काफी समय से जमा मिट्टी को नहर विभाग द्वारा नहीं निकाला गया है। जिसके चलते नहर की गहराई व चौड़ाई काफी कम हो गई है। नहर में पानी भी मिट्टी की वजह से कम होने लगा है। नहर से मिट्टी निकाल दी जाती है तो नहर में पूरा पानी मिलने लगेगा। मिट्टी की वजह से नहर में पानी का पूरा संग्रहण भी नहीं हो पा रहा है। अगर नहर में मिट्टी नहीं होती तो मिट्टी के स्थान पर उतना पानी अधिक मिलता। इन दिनों नहर में पानी के कम होने के कारण नहरी क्षेत्र में माईनर व वितरिकाएं सूखी पड़ी है। किसानों को पीने के पानी के लिए काफी मषक्कत करनी पड़ रही है। किसानों से जिला प्रषासन से मांग की है कि समय रहते नहर में जमा मिट्टी को पूरी तरह से निकाला जाए। जिससे नहर में पूरा पानी आ सके तथा किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके।
Published on:
26 Apr 2019 05:52 pm
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