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कहीं ट्रांसफार्मर जल रहे तो कभी टूट रहे तार, जरूरत के समय फिर हांफने लग रहा विद्युत तंत्र

पवन और सौर ऊर्जा के माध्यम से सालाना हजारों मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाले जैसलमेर जिले मुख्यालय पर ही आए दिन विद्युत व्यवधान के चलते हजारों लोग परेशान हो रहे हैं।

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पवन और सौर ऊर्जा के माध्यम से सालाना हजारों मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाले जैसलमेर जिले मुख्यालय पर ही आए दिन विद्युत व्यवधान के चलते हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र में दिन या रात किसी भी समय बिजली गायब हुए जा रही है। गांवों की तो बात ही करना व्यर्थ है। पिछले लम्बे अर्से से शहर में किसी न किसी कारण या फॉल्ट की वजह से बिजली गुल रहती है और यह लम्बी अवधि की अघोषित कटौती उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी के इस मौसम में खास तौर पर परेशान करने वाली है। गर्मी के मौसम में विद्युत भार में बढ़ोतरी एक मानी हुई सच्चाई है, इसके बावजूद समय रहते विभाग की तरफ से जरूरी बंदोबस्त नहीं किए जा सके हैं। साथ ही तकनीकी गड़बडिय़ों के मुख्य कारणों का निस्तारण भी नहीं किया गया है। गर्मी के तेज होने से विद्युत लाइनों पर लगभग डेढ़ से दोगुना भार हो गया है। यह प्रत्येक गर्मी के मौसम में होता है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों को कायदे से समय पूर्व कार्ययोजना बनाकर उसे धरातल पर क्रियान्वित किया जाना चाहिए था लेकिन जीएसएस, लाइनों अथवा ट्रांसफार्मर्स आदि में जब-तब फॉल्ट आने की समस्या से जाहिर है कि, उन्होंने समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए। विद्युत समस्या की वजह से पीने के पानी का संकट भी लोगों को झेलना पड़ रहा है।

वॉल्टेज का उतार-चढ़ाव

शहर के अनेक इलाकों में पिछले दिनों के दौरान अलग-अलग स्थानों से बिजली की आवाजाही के साथ वॉल्टेज में उतार-चढ़ाव की समस्या भी सामने आई थी। वॉल्टेज की अनियमितता से लोगों के घरों में हजारों रुपए के विद्युत उपकरण खराब हुए हैं। उनकी इस समस्या की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।

जता रहे गुस्सा

शहरी उपभोक्ता सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपने-अपने इलाकों में बिजली के गुल होने की शिकायत करते रहने को विवश हैं। रात में जब हर कोई सुकून की नींद लेना चाहता है, उस समय भी कहीं न कहीं से बिजली की आपूर्ति में व्यवधान की सूचना सामने आती है। उपभोक्ताओं का गुस्सा इस बात को लेकर ज्यादा दिखता है कि उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। अभियंताओं व कार्मिकों के मोबाइल बंद आने या फोन अटेंड नहीं करने की समस्या सबसे ज्यादा है। पिछले दिनों अधीक्षण अभियंता डिस्कॉम ने मोबाइल बंद रखने की वजह से एक कनिष्ठ अभियंता को नोटिस भी जारी किया था। शहर में अभियंताओं के पद रिक्त होना एक बड़ी समस्या है। जिससे अराजकता जैसी स्थितियां बन जाती हैं। सांवल कॉलोनी निवासी आनंद कुमार ने बताया कि पिछले दिनों वॉल्टेज में इतना उतार-चढ़ाव था कि उन्हें कई घंटों तक न चाहते हुए भी विद्युत उपकरण बंद कर रखने की नौबत आ गई। जयनारायण व्यास कॉलोनी निवासी टाऊराम के अनुसार यह शहर की सबसे पॉश कॉलोनी मानी जाती है लेकिन यहां ग्रामीण इलाकों जैसे हालात हैं। लाइट कभी भी चली जाती है और लौटने में लम्बा समय लगता है। गांधी कॉलोनी निवासी पुष्पेंद्र कुमार की पीड़ा है कि फॉल्ट सुधारने में इतना समय लगता है कि परेशान हो जाते हैं।

सर्वत्र तारों का जंजाल

शहर में जगह-जगह विद्युत तारों का जंजाल नजर आ जाता है। तेज गर्मी में लाइनों के गर्म होने से उनमें फॉल्ट आने की संभावना भी सबसे ज्यादा रहती है। इसी तरह से बड़े-बड़े पेड़ों में तारों के उलझे होने के कारण तेज हवा या अंधड़ के दौरान पेड़ों की शाखों के हिलने से तारों के टूटने की समस्या सामने आती है। इसके बावजूद पेड़ों की छंटाई का अभियान अभी तक नहीं चलाया गया है।