
ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की सुरक्षा और इसके गौरवशाली अतीत के लिहाज से हाल के समय में कई छिद्र देखने को मिल रहे हैं, जो किले के ऐतिहासिक महत्व और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिहाज से भी चिंता का विषय बन गए हैं। उधर, दुर्ग में पीढिय़ों से निवासरत लोगों के बीच बढ़ते पर्यटन की वजह से वक्त-बेवक्त अनजान लोगों की बढ़ती आवाजाही और इस अनूठे पर्यटन स्थल पर बढ़ रहे धूम्रपान व नशे को लेकर चिंता गहराती जा रही है। गौरतलब है कि करीब 868 वर्ष पुराना ऐतिहासिक सोनार दुर्ग सदियों से अपनी अभेद्यता के लिए प्रसिद्ध रहा है। विगत दिनों में हुई कुछ घटनाओं ने निगरानी व सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
हाल में बाहरी लोग असमय विशेषकर रात के समय किले में आते हैं, जबकि दर्शनीय स्थल शाम के बाद बंद हो जाते हैं। ये कई बार रिहायशी क्षेत्रोंं में घूमते नजर आते हैं। गौरतलब है कि ऐतिहासिक सोनार किले के पर्यटन स्थल होने के कारण उन्हें रोका नहीं जा सकता। अनजान चेहरों में कई संदिग्ध लोगों के शामिल होने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। जानकारों के अनुसार सोनार किले में संचालित हो रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले लोगों का भी सत्यापन न होना सुरक्षा के लिहाज से महंगा साबित हो सकता है।
सोनार दुर्ग के पर्यटन स्थलों पर धूम्रपान और अन्य मादक पदार्थों के सेवन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए असुविधा का कारण बन रही हैं। यही कारण है कि दुर्ग की स्वच्छता और सुरक्षा दोनों पर असर पड़ रहा है। लंबे समय से यह सिलसिला बना हुआ है, लेकिन इन्हें रोकने के लिए कोई प्रभावी प्रयास अब तक देखने को नहीं मिले हैं।
-सुरक्षा के लिहाज से ऐतिहासिक सोनार दुर्ग के सभी हिस्सों में उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की दरकार है।
-किले में नियमित गश्त और सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए, ताकि संदिग्ध तत्वों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके।
-पर्यटकों को जागरूक करने के लिए सूचना बोर्ड और संकेतक लगाए जाएं और धूम्रपान व नशावृत्ति पर अंकुश के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।
-किले के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले बाहरी कर्मचारियों के परिचय पत्रों की जांच की जाए और उनका सत्यापन सुनिश्चित किया जाए।
पर्यटन व्यवसायी विमल गोपा बताते हैं कि जैसलमेर का ऐतिहासिक दुर्ग विश्व धरोहर है, साथ ही यह एकमात्र ऐसा ऐतिहासिक दुर्ग हैं, जहां आबादी निवास करती है। दुर्ग में संचालित होटलों के संचालकों को नियमावली तय करनी चाहिए, ताकि रिहायशी क्षेत्र के बाशिंदे परेशान न हो। छतों पर संचालित रेस्टोरेंट्स के कारण आसपास के लोग परेशान हो रहे हैं। इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की जरूरत है। जरूरत इस बात की है कि सोनार किला सीसीटीवी कैमरों से युक्त हो, ताकि प्रत्येक आवाजाही करने वाले व्यक्ति पर निगरानी रखी जा सके। ऐसे उपायों को लागू करने से सोनार दुर्ग की सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सकता है।
Published on:
27 Aug 2024 11:56 pm
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