रेल मार्ग बिछने के इंतजार में पथरा गई आंखें
- लंबी दूरी की रेलों के लिए तैयार किया जाना था पांच किमी का रेल मार्ग
- केंद्रीय मंत्री ने दिलाया था भरोसा
जैसलमेर
Updated: April 16, 2022 07:55:24 pm
पोकरण. परमाणु परीक्षण के बाद विश्व मानचित्र पर उभरे पोकरण में आजादी से पहले रेलवे स्टेशन की स्थापना अवश्य की गई, लेकिन वर्षों से यह रेलवे स्टेशन लंबी दूरी की रेलों को तरस रहा है। क्षेत्र के लोगों की ओर से कई वर्षों से लंबी दूरी की रेलों को पोकरण से जोडऩे की मांग भी की जा रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गौरतलब हैै कि वर्ष 1939 में पोकरण में रेलवे स्टेशन की स्थापना की गई थी। तब से यहां समय-समय पर रेलवे स्टेशन का विकास व विस्तार होता गया, लेकिन आज भी कई रेल सेवाएं पोकरण से बाईपास होकर निकलती है। जिसके कारण पोकरण इन रेल सेवाओंं से वंचित है। वर्तमान में यहां मात्र तीन जोड़ी रेलों का ही संचालन होता है। बीकानेर, हावड़ा, बांद्रा जैसी लंबी दूरी की रेलों का संचालन रामदेवरा से सीधे जैसलमेर होता है। ये रेलें पोकरण नहीं आने के कारण क्षेत्र के लोगों को रामदेवरा जाकर यात्रा करनी पड़ रही है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। इस संबंध में कई बार क्षेत्र के लोगों ने अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से मांग भी की, लेकिन जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। जिससे आमजन को मजबूरन बसों से अथवा रामदेवरा जाकर इन रेलों से सफर करना पड़ रहा है।
35 करोड़ से होना था पांच किमी अतिरिक्त लाइन का निर्माण
लंबी दूरी की बीकानेर-लालगढ़ एक्सप्रेस, हावड़ा एक्सप्रेस व जैसलमेर-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस का पोकरण होकर संचालन करने को लेकर केन्द्रीय मंत्री व सांसद गजेन्द्रसिंह शेखावत से लोगों ने मांग की। जिस पर उन्होंने अतिरिक्त रेल लाइन बिछाने के लिए भरोसा दिलाया था। इस संबंध में उनकी ओर से रेलवे विभाग से संपर्क कर प्रस्ताव भी तैयार करवाया गया। इस प्रस्ताव में पांच किमी अतिरिक्त रेल लाइन के लिए करीब 35 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया गया था। प्रस्ताव तैयार होने के बाद मंत्री का पोकरण में स्वागत व अभिनंदन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव आ गए और चुनाव संपन्न होने के बाद फाइल ही कागजों में दफन हो गई।
कब पूरा होगा इंतजार
2019 के चुनाव के बाद जोधपुर-पोकरण सांसद गजेन्द्रसिंह शेखावत को केन्द्र में जल शक्ति मंत्रालय की बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। कार्यभार बढ़ जाने की स्थिति में केन्द्रीय मंत्री मानो इस भरोसे को भूल चुके है। इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण लंबी दूरी की रेलों का पोकरण स्टेशन से जुड़ाव का इंतजार भी लंबा होता जा रहा है।

रेल मार्ग बिछने के इंतजार में पथरा गई आंखें
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