
'सुसमा' यानी सुरक्षित सडक़ मार्ग अभियान के तहत 15 अगस्त तक पूरे राजस्थान में सडक़ सुरक्षा को लेकर विशेष कार्यक्रम चल रहे हैं। इसी क्रम में 12 अगस्त को जैसलमेर में चयनित च्सुसमाज् सडक़ का निरीक्षण और मुख्य कार्यक्रम आयोजित होगा। इस पहल का उद्देश्य सडक़ सुरक्षा, ट्रैफिक नियमों के पालन और हेलमेट के महत्व को बढ़ावा देना है। सार्वजनिक निर्माण विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, राजस्थान सडक़ सुरक्षा सोसायटी, एमबीएम विश्वविद्यालय और पीयर के संयुक्त तत्वावधान में यह अभियान चलाया जा रहा है। जैसलमेर जिले के लिए गडीसर चौराहा से यूनियन चौराहा और यूनियन चौराहा से एयरपोर्ट चौराहा तक 7-8 किलोमीटर सडक़ को च्सुसमाज् सडक़ के रूप में चुना गया है। इस सडक़ पर 9 अलग-अलग बिंदुओं पर मूल्यांकन के लिए प्रश्नावली तैयार की गई है।
आगामी 12 अगस्त को सुबह 8 बजे सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता जसवंतलाल खत्री सहित वरिष्ठ अधिकारी सडक़ का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान सडक़ के दोनों ओर एनसीसी, एनएसएस और स्काउट की छात्राएं मौजूद रहेंगी, जो इन 9 बिंदुओं पर अंकन करेंगी। इसके बाद सुबह 8:45 बजे राजकीय एसबीके. महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में मुख्य कार्यक्रम होगा।
इस मौके पर प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे और जिन छात्राओं ने हेलमेट पंजीकरण करवाया है, उन्हें हेलमेट वितरित किए जाएंगे। अभियान में 1200 रुपए कीमत वाले हेलमेट मात्र 300 रुपए में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में सार्वजनिक निर्माण विभाग के कई वरिष्ठ अभियंता, शारीरिक शिक्षिका और राष्ट्रीय स्तर की एथलीट सरला कुमारी, एनसीसी व एनएसएस की छात्राएं और अन्य गणमान्य उपस्थित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि च्सुसमा दीदीज् नाम से प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स को प्रदेश के सभी जिलों में भेजा गया है, जो विद्यालयों, महाविद्यालयों और स्वायत्त संस्थाओं में जाकर सडक़ सुरक्षा प्रशिक्षण दे रहे हैं। जैसलमेर में अब तक 20 से अधिक शिक्षण संस्थानों में 6500 से अधिक विद्यार्थियों को यह प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें ट्रैफिक संकेत, रोड मार्किंग, वाहन चालक की जिम्मेदारियां, प्राथमिक अधिकार, सडक़ पर अपराध और दंड जैसी जानकारियां शामिल हैं। साथ ही, एनसीसी, एनएसएस, रेंजर्स और रोवर्स की छात्राओं को भी विशेष ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा रहा है।
Published on:
09 Aug 2025 10:11 pm
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