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स्वर कोकिला का जैसलमेर की माटी से खास जुड़ाव रहा

- सुर साम्राज्ञी ने बहुत शिद्दत से देखा था जैसलमेर- कई गानों में उभरकर आया मरुस्थल

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स्वर कोकिला का जैसलमेर की माटी से खास जुड़ाव रहा

स्वर कोकिला का जैसलमेर की माटी से खास जुड़ाव रहा

जैसलमेर। पाश्र्वगायन की दुनिया के कोहिनूर लता मंगेशकर ने रविवार को अंतिम सांस ली। देश-दुनिया के करोड़ों प्रशंसकों के साथ सीमांत शहर जैसलमेर व जिले के ग्रामीण अंचलों तक में गम की लहर-सी उठ गई है। जैसलमेर के साथ लता मंगेशकर का विशेष जुड़ाव रहा। थार मरुस्थल के सीने पर लता के गाए अनेक अमर गीतों का फिल्मांकन हुआ है। इतना ही नहीं लता मंगेशकर ने एक फिल्म लेकिन का निर्माण किया तो उसके एक बड़े भाग की शूटिंग जैसलमेर के विविध स्थानों पर की गई। वे यहां कई दिनों तक प्रवास पर रहीं तथा जैसलमेर दुर्ग, यहां के संग्रहालय, हवेलियों, सम के धोरों आदि का भ्रमण करते हुए खो-सी गईं थीं। उन्होंने जैसलमेर को नायाब शहर बताया था। यहां के अनेक बाशिंदों को उनकी यात्रा की अब तक याद है। तब संस्कृतिविद् ब्रजरतन ओझा (बाबा महाराज) ने उन्हें यहां का भ्रमण करवाया था। १९९० के दशक में ही उन्होंने लेकिन फिल्म का निर्माण किया। जिसका निर्देशन गुलजार ने किया और संगीत लता के एकमात्र भाई ह्दयनाथ मंगेशकर ने दिया था। इस फिल्म के गीत यारा सिली सिली...लता के सुरीले गानों में ऊपरी पायदान पर गिना जाता है और उन्हें इसके लिए राष्ट्रीय अवार्ड तथा फिल्मफेयर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। तब इस फिल्म को कुल पांच राष्ट्रीय अवार्ड मिले थे।
जैसलमेर से यह भी जुड़ाव
लता मंगेशकर के गाए हजारों गीतों में फिल्म रुदाली का दिल हुम हुम करे घबराए...को सबसे बेहतरीन गीतों में शामिल किया जाता है। यह फिल्म भी जैसलमेर में निर्मित हुई थी और कहानी के बेकड्रॉप में जैसलमेर का प्राचीन समाज था। लेकिन फिल्म जिसका निर्माण लता ने किया। उसमें विनोद खन्ना और डिम्पल कपाडिय़ा जैसे कलाकार थे। इस फिल्म में जैसलमेर उभरकर सामने आया था। इसके अलावा यश चोपड़ा निर्देशित लम्हें फिल्म में श्रीदेवी पर फिल्माया गया और लता के गाए गए गीत मोरनी बागां में बोले आधी रात को...भी भुलाया नहीं जा सकता। जिसे सम के मखमली रेत के धोरों पर बहुत सुंंदरता से फिल्माया गया था। इसके साथ रजिया सुल्तान का ए दिल ए नादान...गीत भी लता ने डूब कर गाया और उसमें भी मरुधरा उभर कर सामने आई।
कोकिल कंठी को दी श्रद्धांजलि
रविवार को दिनभर जैसलमेर जिले भर में हजारों की संख्या में लोगों ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोगों ने उन्हें महान कलाकार के साथ देश की आवाज और चेतना की प्रतीक बताते हुए याद किया। कइयों ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सएप की डीपी में लता का फोटो लगाया।