
जोधपुर का घंटाघर, जयपुर के आकर्षक द्वार, सोचिए कैसा हों मेरा प्रवेश द्वार ?
जैसलमेर. मैं जैसलमेर बोल रहा हूं...हाकिम की कार्ययोजना वो है जो नगरपरिषद और पर्यटन विभाग ने दी है। दोनों ही योजनाओं में नि.संदेह काम होने का एक खाका है। 20 करोड़ के इन कार्यों के पूर्ण होने पर सुविधाएं तो आएगी लेकिन बड़ा सवाल है गडीसर चौराहे को अब विश्वपटल पर एक पर्यटक स्थल के रूप में पहुंचाने का। यहां अब फव्वारे लगाने का कार्य ही नहीं करना है,यहां जोधपुर के घंटाघर, जयपुर के आकर्षक गेट जैसी कोई ऐसी इमारत बुलंद हो जो जैसलमेर के सोने की चमक वाले पत्थरों की खूबसूरती लिए हुए हो। चूंगीनाका से गड़ीसर तालाब तक पूरा इलाका ही अलग बदला हुआ नजर आए। सवाल मेरे प्रवेश द्वार की है, तभी तो मैं स्वागत करता नजर आऊंगा। सुनिए, अब क्या कहते है मेरे अपने शहर के लोग जो पर्यटन,कला, संस्कृति होटल और मेरे विकास के साथ जुड़े है।
स्वर्णनगरी का बना रहे सुनहरा सौन्दर्य
कलात्मक सुंदरता के बूते देश-दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुकी स्वर्णनगरी की सुनहरी आभा कायम रहे, इसके लिए जरूरी है कि यहां सौन्दर्यीकरण के कार्य गति पकड़े, पर्यटन स्थलों का रख-रखाव हो, साथ ही मुख्य रास्तों जैसे गड़ीसर चौराहा, चूंगी नाका, गोपा चौक व हनुमान चौराहा पर अव्यवस्था दूर हो सके। यह नगरवासियों की सुविधा और सैलानियों की सुगमता के लिए बेहतर हो सकेगा।
-अनिल पंडित, पर्यटन व्यवसायी
सौन्दर्य व स्वच्छता पर हो विशेष ध्यान
पर्यटन व्यवसाय यहां का मुख्य व्यवसाय है। जैसलमेर शहर की परीधि छोटी है, ऐसे में यहां सौन्दर्य व स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। थोड़ी सी अव्यवस्था से स्थिति निराजशाजनक हो सकती है। इन दिनों त्योहारी सीजन में इसको लेकर विशेष प्रयासों की दरकार है। मेहमानों को यहां शांति व सुकून मिलेता तो वे यहां बार-बार आएंगे। स्थानीय बाश्ंिादों को भी यहां बेहतर सुविधा व व्यवस्था मिले, यही प्रयास होना चाहिए।
-प्रकाश विश्नोई, शिक्षक नेता, जैसलमेर
... ताकि सुगम हो आवागमन
देश-दुनिया के लोगों के लिए जैसलमेर पसंदीदा क्षेत्र है। पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण होने के कारण यहां विशेष ध्यान देने की दरकार है। विश्व भर से लोग यहां पर्यटन के साथ साफ-सफाई व स्वच्छता को भी बेहतर देखना पसंबद करते हैं। विशेषकर शहर में गड़ीसर सर्किल से लेकर सागरमल गोपा तक मार्ग तक का सुगम होना चाहिए। ऐतिहासिक सोनार किला व पटवा हवेली तक का क्षेत्र में आगाममन में आसानी हो, इस पर ध्यान देने की दरकार है।
-ऋषिदत्त पालीवाल, इतिहासवेत्ता, जैसलमेर
विरासतों के संरक्षण के हो प्रभावी प्रयास
जैसलमेर आने वाले पर्यटक यहां का स्थापत्थ्य व विरासत को देखने का सपना संजोए आते हैं। जब वे यहां आते हैं तो यहां का अपशिष्ट व अवरुद्ध यातायात को देखकर व्यथित होते हैें। आवश्यकता है कि यहां विरासत के संरक्षण व पर्यटन संरक्षण के लिए प्रभावी प्रयासों की दरकार है। शहर में जितनी भी विरासतें हंैं, उनका ध्यान रखा जाए। स्वर्णनगरी का आकर्षण ही इसकी पहचान है।
-लक्ष्मीनारायण खत्री, साहित्यकार, जैसलमेर
Published on:
03 Oct 2022 07:17 pm
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