
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि जैसलमेर शहर के प्रसिद्ध गडीसर तालाब में पिछले दो-तीन सीजन से पर्याप्त मात्रा में पानी की आवक हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार का यह दायित्व है कि वह रेगिस्तानी क्षेत्रों में मीठे पानी के संरक्षण और संचयन के लिए योजनाएं तैयार करे। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस विषय को ध्यान में रखते हुए जनहित याचिका पर अपना जवाब पेश करने को कहा है।
न्यायाधीश विनित कुमार माथुर व न्यायाधीश बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने सुनील पालीवाल की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका में गडीसर तालाब के कैचमेंट क्षेत्र को बढ़ाने तथा 12 जून, 1961 की अधिसूचना में वर्णित सीमाओं को यथावत बनाए रखते हुए तालाब क्षेत्र को संरक्षित घोषित करने की मांग की गई है। खंडपीठ ने कहा कि जैसलमेर विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक लोकप्रिय केंद्र है और यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इसलिए गडीसर तालाब के कैचमेंट क्षेत्र के संरक्षण और विस्तार के लिए दायर यह जनहित याचिका महत्वपूर्ण है। खंडपीठ ने यह भी टिप्पणी की कि पिछले दो-तीन सीजन में गडीसर तालाब में पर्याप्त वर्षा जल संग्रह हुआ है और वह अपनी पूरी क्षमता से भी अधिक भर चुका है।
रेगिस्तान के बीच यदि यह तालाब इतना जल प्राप्त कर रहा है, तो यह राज्य सरकार का दायित्व बनता है कि वह ऐसे स्थानों पर वर्षा के मीठे जल के संरक्षण और संचयन के लिए योजनाएं तैयार करे। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार जब इस जनहित याचिका पर अपना जवाब दाखिल करे, तो वह आदेश में की गई इन टिप्पणियों को ध्यान में रखे।
Published on:
12 Nov 2025 09:32 pm
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