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सोनार दुर्ग की घाटियों से हटी गुलाल की परत, फिसलन से मिली राहत

पर्यटन नगरी जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की चिकनी घाटियों पर होली के गुलाल की परत जमने से फिसलन के कारण हादसों की आशंकओं को विराम मिल सकेगा।

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पर्यटन नगरी जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की चिकनी घाटियों पर होली के गुलाल की परत जमने से फिसलन के कारण हादसों की आशंकओं को विराम मिल सकेगा। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में 15 मार्च के अंक में नजऱ चूकी और धड़ाम… सोनार दुर्ग की चिकनी घाटियों में फिसल रहे वाहन और 16 मार्च के अंक में सोनार दुर्ग की घाटियों पर अब भी गुलाल की परत, बेहतर सफाई व धुलाई की दरकार शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किए गए।
पत्रिका की ओर से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद जिम्मेदार हरकत में आए। नगरपरिषद की ओर से घाटियों की सफाई व धुलाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि सोनार किले की हवा प्रोल, सूरज प्रोल और अखे प्रोल की सर्पिलाकार घाटियों में होली के दौरान उड़े गुलाल ने पत्थरों की सतह को इतना चिकना कर दिया था कि दुपहिया वाहन चालकों और राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया था। नगरपरिषद की टीम ने घाटियों की पानी से धुलाई शुरू की है।

स्थानीय लोगों व पर्यटकों ने ली राहत की सांस

स्थानीय निवासी राजेंद्र, ललित और प्रथमेश ने बताया कि गुलाल की परत जमने से आए दिन लोग फिसलकर गिर रहे थे। अब घाटियों पर सफाई व धुलाई कार्य शुरू हुआ है, जिससे लोगों को राहत मिली है।
दिल्ली से आए पर्यटक आदित्य वर्मा ने कहा कि जैसलमेर घूमने आए थे, लेकिन दुर्ग की घाटियों में फिसलन के कारण डर बना हुआ था। अब सफाई के बाद सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।