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सरहद के अंतिम छोर पर बसा होने का दु:ख, अब नोख को चाहिए सुख

- तीन जिलों से जुड़ा है नाता, लेकिन सुविधाओं से नहीं-सरकारी नजरें होगी इनायत तो मिलेगी तहसील व उपखंड की सौगात

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सरहद के अंतिम छोर पर बसा होने का दु:ख, अब नोख को चाहिए सुख

सरहद के अंतिम छोर पर बसा होने का दु:ख, अब नोख को चाहिए सुख

नोख (जैसलमेर). हाल ही में मुख्यमंत्री की ओर से 19 नए जिलों की घोषणा से कई क्षेत्रों की जहां वर्षों से जिला बनाने की मांग पूरी हो गई है, वहीं इन जिलों के बनने से कई दूरस्थ क्षेत्रों की जिला मुख्यालय से दूरी कम हो गई है। ऐसे में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड दूरी फलोदी जिला बनने से नोख उप तहसील क्षेत्र की कम होने के आसार है। जिले के अंतिम छोर पर स्थित नोख उप तहसील मुख्यालय की जिला मुख्यालय से दूरी 225 किमी है तो अब नए जिला मुख्यालय फलोदी की दूरी 53 किमी हो जाएगी। ऐसे में 172 किमी दूरी कम हो सकेगी। इस तरह नोख क्षेत्र के लोगों की जिला प्रशासन से दूरी कम होगी तो प्रशासन की पहुंच भी तीव्रता से होगी। इस तरह सामान्य के साथ साथ आपातकालीन समस्याओं का भी समय पर समाधान हो सकेगा । हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नोख उप तहसील क्षेत्र की नाचना पंचायत समिति के कितने क्षेत्र को फलोदी में शामिल किया जाएगा।
ऐसा है वर्तमान परिदृश्य नोख उप तहसील मुख्यालय की दूरी जैसलमेर जिला मुख्यालय से 225 किमी तो उपखंड व तहसील मुख्यालय पोकरण की दूरी 125 किमी है । ऐसे में ग्रामीणों को अपने कार्यों के लिए लम्बी दूरी तय करके जाना पड़ता है। ऐसे में ग्रामीणों के समय व धन की बर्बादी हो रही है । हाल ही में घोषित फलोदी जिला मुख्यालय की नोख से दूरी केवल 53 किमी की है। जानकारों का मानना है कि नोख क्षेत्र के लोगों की जिला मुख्यालय तक अपनी समस्याओं या कार्यों को करने में सुगमता हो सकेगी। नोख उप तहसील के जालुवाला, टावरीवाला जैसे अंतिम छोर के क्षेत्र के लिए नोख में तहसील कार्यालय होने पर ही सुगमता भी होगी।
तहसील, उपखंड व पंचायत समिति का सपना नोख उप तहसील आजादी के समय की उप तहसील है, लेकिन जैसलमेर के अंतिम छोर पर स्थित होने का उसे हमेशा खामियाजा भुगतना पड़ा है। चाहे तहसील स्तर पर क्रमोन्नति का मामला हो या पंचायत समिति मुख्यालय बनाने का समय हो हर बार जिले के अंतिम छोर पर होने के कारण टाल दिया गया। नोख उप तहसील मुख्यालय प्रस्तावित क्षेत्र में नोख व फलोदी के अनेक गांवों ढाणियों के मध्य में स्थित है और इस क्षेत्र का सबसे बड़ा गांव है । ऐसे में फलोदी जिले में कथित तौर पर शामिल हो रहे नोख उप तहसील क्षेत्र जिसमें सीमावर्ती क्षेत्र भी शामिल है, के साथ साथ पहले के जोधपुर ग्रामीण के ग्राम पंचायतों के लिए नोख सुविधाओं का मुख्य केन्द्र होगा। जानकार ये भी बताते हैं कि फलोदी को जिला बनाने के साथ साथ नोख में अभी से ही तहसील कार्यालय शुरू करने से ही फलोदी को जिला बनाने की सार्थकता होगी। लोगों को तहसील संबंधी कार्यों के लिए लम्बी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
मिलेगी विकास को गति
फलोदी जिला घोषित किए जाने से नोख क्षेत्र को बेहद फायदा होगा और विकास को गति मिलेगी। लम्बी दूरी की बजाय कम दूरी पर ग्रामीणों को सभी सुविधाऐं मिल सकेगी - सुमन छंगाणी, सरपंच ग्राम पंचायत नोख
..ताकि दैनिक कार्य करवाने में हो सुविधा
फलोदी को जिला घोषित किए जाने से क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। नोख क्षेत्र को इसमें शामिल किए जाने के साथ साथ नोख में तहसील कार्यालय भी शुरू किया जाए, जिससे लोगों को अपने दैनिक कार्य करवाने में आसानी होगी। - मनोज सोलंकी, समाजसेवी नोख
नहीं होगी तकलीफ
नोख को फलौदी जिले में शामिल किए जाने से जिला मुख्यालय की दूरी कम होने से आने जाने में तकलीफ़ नही होगी और काम काज में सरलता आएगी। दस्तावेज स्थानांतरण को लेकर थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। -सखियां बानो, पूर्व सरपंच नोख