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मार डालेंगे जैसाण के ये जर्जर आशियाने!

locationजैसलमेरPublished: Jul 15, 2020 09:59:16 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-स्वर्णनगरी में जर्जर मकान बने हुए हैं खतरा-चिह्नित करने के बावजूद हटाने की नहीं की कार्रवाई

मार डालेंगे जैसाण के ये जर्जर आशियाने!

मार डालेंगे जैसाण के ये जर्जर आशियाने!

जैसलमेर. मानसून सिर पर है और अधिकांश जैसलमेरवासी टकटकी लगाकर आसमान की ओर निहारते हैं कि कब उन पर कुदरत मेहरबान होगी। उनके बीच ऐसे भी बहुतेरे परिवार हैं जिन्हें बारिश डराती है। दरअसल शहर में दसियों ऐसे जर्जर मकान अब भी अस्तित्व में हैं जिनके भारी बारिश के दौरान जमींदोज होने का पूरा खतरा है। ये मकान आसपास रहने वाले लोगों के लिए खतरा-ए-जान की तरह है। स्थानीय नगरपरिषद की ओर से उन्हें वर्षों से चिन्हित किया जाता रहा है। रस्मी तौर पर संबंधित मकान मालिकों को नोटिस भी दिए जाते हैं, लेकिन इससे आगे कोई कार्रवाई नहीं करवाई जाती। इस बार भी औपचारिकता का निर्वहन किया गया है। अब चूंकि मानसून की बारिश कभी भी संभावित है, ऐसे में जर्जर मकानों का खतरा अब तक सिर उठाए खड़ा है। परिषद के पास तीन दर्जन से ज्यादा जर्जर मकानों की सूची है। शहर में उनके अलावा भी कई मकान खतरनाक बने हुए हैं।
सताती है चिंता
जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग सहित भीतरी भागों में पुराने जर्जर भवनों के आसपास रहने वाले लोगों को बरसाती सीजन में अपनी तथा परिवारजनों की चिंता सताती रहती है। विशेषकर रात के समय जब घुप अंधेरे में बरसात की झड़ी लगती है तब जर्जर मकानों के साये में रहने वालों के डर की सीमा नहीं रहती। वे इस संबंध में नगरपरिषद से लेकर जिला प्रशासन तक का ध्यान कई बार आकर्षित करवा चुके हैं, लेकिन ठोस परिणाम अब तक नहीं निकला। ये जीर्ण-शीर्ण बंद मकान कभी भी बारिश की मार से जमींदोज होकर आसपास बसे घरों तथा राहगीरों के लिए जान का खतरा बन सकते हैं। नगरपरिषद ने पिछले सालों के दौरान इस श्रेणी के भवनों को सुरक्षित रूप से उतारने के लिए संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इससे आगे की कार्रवाई परिषद नहीं कर पाई। जबकि वह चाहे तो खुद पहल कर इन खतरनाक मकानों को उतरवाकर उसका हर्जा-खर्चा संबंधित मकान मालिकों से वसूल कर सकती है जो वर्तमान में बाहरी शहरों में निवास कर रहे हैं तथा परिषद के नोटिसों को कतई गंभीरता से नहीं लेते। जर्जर मकानों की वजह से प्रत्येक मानसून काल में चिंता के स्वर उभरते हैं। पिछले एक दशक के दौरान कई जर्जर मकान धराशायी भी हुए हैं। अनेक मकानों के मालिकों ने बाद में अपनी सुविधानुसार मकान उतरवा लिए मगर अब भी कई मकान खतरे के निशान पर हैं।
यहां खतरा सबसे ज्यादा
नगरपरिषद ने पिछले अर्से के दौरान सोनार दुर्ग के साथ पुराने शहर में करीब 35 मकानों को खतरनाक भवनों के रूप में चिह्नित किया है। उनके मालिकों को नोटिस थमाए कि, वे इन्हें सुरक्षित उतरवा लें। अन्यथा नगरपरिषद उन्हें उतरवाकर उनसे हर्जा-खर्चा वसूल करेगी। पिछले सालों से नोटिस जारी करने के बाद भी अधिकांश मकान जस के तस हैं। ऐसे भवन सोनार दुर्ग के व्यासा पाड़ा, ढूंढ़ा पाड़ा, चैगान पाड़ा से लेकर दुर्ग की प्राचीर पर व शहर के भीतरी भागों में आए हुए हैं।

नोटिस दिए हैं, कार्रवाई करवाएंगे
जर्जर मकानों को सुरक्षित उतरवाने के लिए संबंधित मकान मालिकों को प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। जिसकी पालना नहीं करने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
– फतेहसिंह मीणा, आयुक्त, नगरपरिषद जैसलमेर

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