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विश्राम के बहाने आया काल, अधूरी रह गई आस्था की मंज़िल

 बाबा रामदेव की धरती पर नतमस्तक होने का संकल्प लेकर निकले 55 वर्षीय श्रद्धालु की जीवन यात्रा अचानक थम गई।

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बाबा रामदेव की धरती पर नतमस्तक होने का संकल्प लेकर निकले 55 वर्षीय श्रद्धालु की जीवन यात्रा अचानक थम गई। राजस्थान के राजसमंद जिले से आए श्रद्धालु प्रहलाद सालवी की इच्छा थी कि वे बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था। कनक दंडवत यात्रा करते हुए रामदेवरा पहुंचे प्रहलाद सालवी ने गहराते थकान में कुछ समय के लिए विश्राम लिया, पर यह विश्राम अंतिम विश्राम बन गया। अचानक तबीयत बिगड़ने पर आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने बताया कि उनकी हृदयगति रुकने से मृत्यु हुई है। गरियासर रेलवे स्टेशन के पास, जिला राजसमंद निवासी प्रहलाद पुत्र मांगीलाल सालवी बाबा रामदेव के अनन्य भक्त थे। रामदेवरा तक की कठिन यात्रा उन्होंने श्रद्धा से पूरी की, पर समाधि के दर्शन किए बिना ही उनका जीवन छिन गया। अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाया गया, जिसके बाद मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया। बाबा रामदेव की पवित्र धरती पर एक आस्थावान जीवन का यूं थम जाना, श्रद्धालुओं की आंखें नम कर गया।