पर्यटन और सीमांत क्षेत्र होने के नाते देश-दुनिया में मशहूर जैसलमेर के सिविल एयरपोर्ट पर पिछले कई महीनों से वीरानी छाई हुई है। विमानन सेवाएं करीब चार माह से बंद हैं और आगामी करीब चार महीने और बंद ही रहने वाली हैं। दरअसल, इस हवाई अड्डे पर विमानन कम्पनियां केवल सर्दियों में जब पर्यटकों का जैसलमेर में बूम रहता है, देश के तीन-चार प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवाओं का संचालन करती हैं। फरवरी के आखिर या मार्च के मध्य से वे अपनी सेवाएं बंद कर देती हैं। लगभग सात-आठ महीनों तक यह एयरपोर्ट वीराना ही बना रहता है।
वर्ष 2012 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने जब जैसलमेर में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से सिविल एयरपोर्ट का निर्माण करवाया तब उम्मीदें बंधी थी कि अब यह शहर पर्यटन, उद्योग, व्यापार आदि के क्षेत्रों में नई उड़ान भरेगा। यहां के बाशिंदों के साथ बाहर से आने वाले लोगों व सैन्य सेवा के जवानों व अफसरों आदि को बड़ी सुविधा मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पर्यटन के चरम काल के करीब चार-पांच माह तक ही सिविल एयरपोर्ट से नियमित उड़ान की सुविधा मिलती है और विमानन कम्पनियां विशुद्ध मुनाफा कमा कर यहां से बोरिया बिस्तर समेट जाती हैं।
जैसलमेर के सिविल एयरपोर्ट पर साल भर विमान सेवा मुहैया करवाने की मांग पिछले कई वर्षों से उठ रही है। इसके बावजूद कोई ध्यान नहीं दे रहा हैए यह अफसोसजनक है।
नियमित हवाई सेवा के लिए पर्यटन और उद्योग क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने प्रशासन से लेकर सरकारों के नुमाइंदों तक बात पहुंचाई है। हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है, समस्या जस की तस है।
Updated on:
22 Jun 2025 08:17 pm
Published on:
22 Jun 2025 11:32 pm