
जैसलमेर के 16 वर्षीय जीवन ने अंडर ग्राउंड हिप हॉप म्युजिक कला को दी ऊंचाइयां,हर जुबां पर बस यही बोल, ‘सब रटो ..ना’
जैसलमेर@लालसिंह सोलंकी. मुश्किलों से सिर झुकाना है मना, हर आंसू बहाना है मना, कौनसी रात है जो कटती नहीं, कौनसी बात है जो बनती नहीं।.... इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है जैसलमेर के जीवन खत्री ने। जैसलमेर शहर के 16 वर्षीय जीवन खत्री अंडरग्राउंड हिपहॉप म्यूजिक कला में नई पहचान के साथ उभरे है। जीवन ने महज दसवीं कक्षा तक शिक्षा हासिल की और उसके बाद अपने नियमित अध्ययन को विराम देकर कॅरियर के लिए अंडर ग्राउंड हिप हॉप म्युजिक आर्ट पर काम करना शुरू किया। जीवन बताते है कि चौथी कक्षा में उन्होनें पहली बार एक कविता लिखी और उसके बाद उन्हें अपनी कला को लोगों तक पहुंचाने की ललक जगी। वर्तमान दौर में अंडर ग्राउंड हिपहॉप म्यूजिक का चलन अधिक है। वे मानते हैं कि जैसलमेर जैसे छोटे शहरों के युवा को अंडर ग्राउंज हिप हॉप आर्टिस्ट के तौर पर जगह बनाने में चुनौती बड़ी है। इस कला में आार्टिस्ट खुद अपनी लिरिक्स व बोल लिखता है। इस कला के माध्यम से लोग आसानी से संदेश फील करते है। इसमें ज्यादातर ताल पर काम होता है। जीवन खत्री बताते है कि वे इस कला से जुड़े प्रमुख आर्टिस्ट तक पहुंचकर अपनी कला को क्षेत्र से बाहर तक ले जाना चाहते है। उनकी इस कला की स्थानीय स्तर पर खूब तारीफ हो रही है।
इस तरह सीखी कला
सबसे पहले इंटरनेट पर मशहूर आर्टिस्ट को सुना। उनका कहना है कि वह अभी इस कला को सीख रहा हैं। दसवीं कक्षा पास करने के बाद समय व धनाभाव को देखते हुए इंटरनेट के माध्मम से वीडियो एडिटिंग, साउंड इंजिनीयरिंग, मिक्सिंग मास्टरिंग,म्यूजिक प्रोडक्शन आदि सारी चीजें खुद सीखी और अपने कार्य में खुद उपयोग लिया। उन्होनें अपने घर पर ही अपना एक रिकार्डिंग स्टूडियो बनाया है। जहां वे नियमित रूप से अभ्यास करते है।
Published on:
14 Oct 2019 05:54 pm
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