Video: सोनार दुर्ग से हटी चैकी, थमा बवाल: गुस्साए दुर्गवासी कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे
- वार्ता से सुलझा मामला
- मरु महोत्सव के बहिष्कार का निर्णय लिया वापिस
जैसलमेर। ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की अखे प्रोल में जिला प्रशासन के निर्देशानुसार स्थापित की गई अस्थायी पुलिस चैकी सोमवार को दुर्गवासियों के तीव्र आक्रोश के बाद हटा लिया गया। इससे पहले दुर्ग के बाशिंदे पूर्वाह्न जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां धरना देकर बैठ गए। बाद में जिला कलक्टर आशीष मोदी ने नाराज लोगों को वार्ता के लिए कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बुलाया। जहां सभापति हरिवल्लभ कल्ला और पुलिस अधीक्षक डाॅ. अजयसिंह की मौजूदगी में चैकी हटाने का ऐलान किया। पुलिस अधीक्षक ने इस पर शहर कोतवाल को चैकी हटवाने के लिए निर्देशित किया। दोपहर बाद पुलिसकर्मियों ने अस्थायी चैकी का तम्बू समेट लिया। इस तरह से विगत लम्बे अर्से से दुर्गवासियों और प्रशासन के बीच चल रही खींचतान फिलहाल खत्म हो गई है। चैकी के विरोध में मरु महोत्सव के विरोध व बहिष्कार की जो घोषणा की गई थी, उसे वापिस ले लिया गया है।
ऐसे चला घटनाक्रम
दुर्ग की अखे प्रोल में प्रवेश करते ही बाईं दिशा में स्थापित अस्थायी पुलिस चैकी हटवाने की मांग को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल अलसुबह केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद से मिलने उनके भागू का गांव स्थित निवास पर पहुंचे और उन्होंने मंत्री के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि चैकी नहीं हटने पर वे धरना देंगे तथा आंदोलन करेंगे। शाले मोहम्मद ने उनकी बात सुनने के बाद कलक्टर से दूरभाष पर बात की तथा सकारात्मक रुख अपनाते हुए इस मामले का निपटारा करने के लिए कहा। तयशुदा समय पर दुर्ग के लोग अच्छी तादाद में दोनों महिला पार्षदों नेहा व्यास और सीमा गोपा के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां धरना देकर बैठ गए। इस दौरान नगरपरिषद के सभापति हरिवल्लभ कल्ला भी वहां पहुंच गए तथा उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि वे इस मामले में उनके साथ हैं। थोड़ी देर में कलक्टर ने बातचीत के लिए लोगों को सभाकक्ष में बुलवाया। लोगों के सामने आने से पहले कलक्टर और एसपी ने सभापति व दुर्गवासियों के प्रतिनिधिमंडल से अपने चैम्बर में वार्ता की। फिर बाहर आकर कलक्टर मोदी व पुलिस अधीक्षक ने अस्थायी चैकी हटवाने के निर्णय से अवगत करवाया। जिस पर उपस्थित लोगों ने मेज थपथपाकर व तालियां बजाकर खुशी का इजहार किया।
कलक्टर ने रखी शर्तें
चैकी हटाने का निर्णय करने के साथ कलक्टर ने कुछ शर्तें दुर्गवासियों के सामने रखी। जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपने घरों की मरम्मत का बड़ा कार्य करवाने से पहले नगरपरिषद से अनुमति लेंगे। मरम्मत से पहले और उसके बाद के फोटोग्राफ जमा करवाएंगे। बाहरी स्वरूप अपरिवर्तित रखने के उच्च न्यायालय के आदेश की पालना करनी होगी। व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नया ढांचा नहीं बनाया जाएगा। जिन निर्माण कार्यों के लिए नगरपरिषद या पुरातत्व विभाग से नोटिस मिला है तथा जिनमें न्यायालय से स्थगन नहीं मिला है, उनके मामलों की पुरातत्व विभाग, नगरपरिषद, दुर्ग संरक्षण समिति और प्रशासनिक अधिकारी की टीम तीन महीनों में समीक्षा करेगी। इस समीक्षा में अगर मौलिक स्वरूप में छेड़छाड़ साबित होता है तो संबंधित लोग कार्रवाई में सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि दुर्ग के मामलों की प्रतिमाह बैठक बुलाकर समीक्षा की जाती है। इसमें अब दुर्ग संरक्षण समिति को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाएगा। कलक्टर से वार्ता के अवसर पर सभापति कल्ला और अतिरिक्त कलक्टर हरीसिंह मीना सहित दोनों पार्षद नेहा व्यास व सीमा गोपा, दुर्ग संरक्षण समिति के दुष्यंत सिंह, विक्रमसिंह नाचना, राजेंद्र भोपत, चंद्रप्रकाश व्यास, मनोज व्यास, कैलाश व्यास, मयंक भाटिया, प्रदीप व्यास, चंद्रशेखर श्रीपत, मनोनीत पार्षद आनंद व्यास, पार्षद कमलेश छंगाणी, ओमप्रकाश व्यास, अरविंद व्यास, राजेंद्र कुमार गोपा, पुष्पेंद्र व्यास, अरुण पुरोहित आदि मौजूद थे। सभी ने जिला व पुलिस प्रशासन का आभार जताया।
दिया धन्यवाद
जिला कलक्टर के साथ सफल वार्ता के बाद अस्थायी चैकी हटाए जाने पर दुर्गवासियों ने खुशी प्रकट करते हुए उनका पक्ष प्रशासन के सामने रखने के लिए केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और सभापति हरिवल्लभ कल्ला के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है। कांग्रेस के युवा नेता विकास व्यास ने कहा कि दुर्गवासियों की अन्य समस्याओं का भी तत्परता से निपटारा करवाया जाएगा।
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