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जैसलमेर

Video: वाहनों के जमघट व कब्जों से शहर के सबसे बड़े चौराहा पर भी चलना हुआ दुश्वार

‘सीमाएं’ खुद कर रही नियमों का उल्लंघन- लाइनिंग में खामी से अनियंत्रित हो रही व्यवस्था

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जैसलमेर. जैसलमेर का सबसे बड़ा और व्यस्त हनुमान चौराहा…यहां दिन में किसी भी समय खासकर गर्मियों में शाम से रात तक चलना भी दुश्वार हो जाता है। जबकि वर्षों पहले यहां से तत्कालीन जिला कलक्टर की पहल पर की गई कार्रवाई से बहुत सारी जमीन खाली हो गई थी। इसके बावजूद हालत यह है कि हर समय यहां चार पहिया वाहनों का जमघट रहता है। सैकड़ों फीट चौड़े चौराहा पर दुपहिया वाहन चालकों व पैदल राहगीरों को भी कई बार आवाजाही में बेजा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में कोढ़ में खाज का काम यहां नगरपरिषद की तरफ से गत महीनों करवाई गई सडक़ पर लाइनिंग के कार्य ने कर दिया है। अजीबोगरीब ढंग से करवाई गई लाइङ्क्षनग के कारण ज्यादातर जगह की मार्किंग वाहनों के खड़े रहने की हो गई। ऐसे में कई यातायात पुलिसकर्मी भी सख्ती से व्यवस्था नहीं बनवा पाते क्योंकि वाहन चालक बता देते हैं कि उन्होंने तो लाइन के दायरे में गाड़ी खड़ी की है। हालांकि यह बात भी गौर करने लायक है कि जब नई सडक़ का निर्माण करवाने के बाद लाइङ्क्षनग का कार्य करवाया जा रहा था, तब यातायात व्यवस्था के जिम्मेदारों ने साथ खड़े रहकर कार्य क्यों नहीं करवाया? वर्तमान में यहां हालत यह हो गई है कि चारों तरफ वाहनों का झुंड दिखाई देता है और रही सही कसर यहां खड़े हाथ ठेलों व अन्य छोटे-मोटे काम करने वालों ने पूरी कर दी है। चौराहा पर गांधी दर्शन के सामने अवस्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्लेटफार्म पर स्थापित आदमकद प्रतिमा भी कम से कम रात के समय बसों के खड़े कर दिए जाने से कई बार नजर नहीं आती।
असल समस्या बढ़ते वाहन
जैसलमेर के इस सबसे बड़े चौराहा पर यातायात व्यवस्था की सबसे बड़ी समस्या चार पहिया वाहनों को मनमाने ढंग से खड़ा किया जाना ही है। दअरसल, विगत वर्षों के दौरान जैसलमेर शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बेतहाशा ढंग से लोगों के पास चार पहिया वाहनों की उपलब्धता बढ़ी है। वे लोग किसी न किसी कार्यवश शहर में आते हैं तो अपने वाहन को कई बार हनुमान चौराहा पर ही खड़े कर देते हैं। इन वाहनों में बसों से लेकर एसयूवी, कार, टैक्सी आदि सभी शामिल रहते हैं। एक समय में शाम के समय कई बार 50 से ज्यादा वाहन यहां वहां खड़े दिखाई दे जाते हैं। वे केवल चौराहा ही नहीं बल्कि आसपास के महाराणा प्रताप मैदान, पुराने ग्रामीण बस स्टेंड के आसपास, अमरसागर प्रोल के बाहर, मंदिर पैलेस से बिजलीघर के पीछे जाने वाली सडक़ तक पर काबिज नजर आते हैं। इस सारे क्षेत्र में सुगम यातायात व्यवस्था फिलहाल तो दिवास्वप्र ही बनी हुई है।
सबसे व्यस्त है यह क्षेत्र
दूसरी तरफ देखा जाए तो हनुमान चौराहा का यह भाग शहर का सबसे व्यस्ततम क्षेत्र है। यहीं से होकर सम व रामगढ़ सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों के मार्ग निकलते हैं। थोड़ा आगे चलने पर प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र कलेक्ट्रेट है। शहर का सबसे बड़ा चिकित्सालय है। बड़े मंदिर, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और टे्रवल एजेंसियों के अलावा अन्य सौ से ज्यादा दुकानें, रेस्टोरेंट्स, होटल, धर्मशालाएं आदि भी आई हुई हैं। नेहरू पार्क, गांधी दर्शन, जिला पुस्तकालय भी यहां पर अवस्थित है। स्थायी-अस्थायी किस्म के कई कब्जे भी इसी क्षेत्र में विभिन्न काम-धंधे करने वालों ने कर रखे हैं। शहर भ्रमण पर आने वाले देशी-विदेशी सैलानी नगर को देखने की गरज से यहां अवश्य पहुंचते हंै। यहां पर भीड़-भड़क्का देखकर वे कई बार हैरान रह जाते हैं। समय-समय पर चौराहा की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए प्रशासन, नगरपरिषद व पुलिस की तरफ से कवायद की जाती हैं लेकिन इन कार्रवाइयों में निरंतरता का अभाव रहने से थोड़े दिनों में अव्यवथाएं फिर से हावी हो जाती हैं।