
जैसलमेर जिले भर में ग्रामीण सेवा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को ग्राम पंचायत झिनझिनयाली के अटल सेवा केंद्र पर शिविर लगाया गया। लेकिन ग्रामीणों ने इस शिविर का पूर्ण बहिष्कार कर विरोध जताया। सरपंच कमलाराम ने बताया कि ग्रामीणों ने शिविर प्रभारी केवाराम, विकास अधिकारी पंचायत समिति फतेहगढ़ को जिला कलेक्टर व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में चन्नणसिंह, केशरसिंह, दिलीपसिंह, वीरसिंह, प्रहलादसिंह, जसवंतसिंह, मालमसिंह, खेतसिंह, डूंगरसिंह, जनकसिंह, भोमसिंह, पृथ्वीसिंह, जयसिंह, देवीसिंह, सज्जनसिंह, मोहनराम, महेंद्र सिंह, कैलाश सिंह, सुजान सिंह, रायपाल सिंह और लोकेन्द्र सिंह सहित कई ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किए।
ग्रामीणों ने मांग की कि जिले में ओरण, गोचर, नदी-नाले, तालाब, आगोर जैसी प्राकृतिक धरोहरों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए। साथ ही सरकारी भूमि को कंपनियों को देने से पहले जिले के भूमिहीन वासियों को आवंटित किया जाए। बुधवार को एसडीएम फतेहगढ़ भरत राज गुर्जर, विकास अधिकारी केवाराम, नायब तहसीलदार नखतसिंह सहित राजस्व, चिकित्सा-स्वास्थ्य, जलदाय, रसद, खाद्य, विद्युत, सामाजिक कल्याण समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी शिविर स्थल पर मौजूद रहे, लेकिन ग्रामीणों के बहिष्कार के चलते कोई भी कार्य नहीं हो पाया। शाम 5 बजे अतिरिक्त कलेक्टर ने भी शिविर का निरीक्षण किया, परंतु अटल सेवा केंद्र पर सरकारी प्रतिनिधियों के अलावा कोई ग्रामीण मौजूद नहीं रहा। ग्रामीणों ने बताया कि यह बहिष्कार जिले में जारी वन्य और पर्यावरण प्रेमियों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए किया गया। उन्होंने गजरूप सागर से कलेक्ट्रेट तक निकले धरने का हवाला देते हुए कहा कि ओरण, गोचर, नदी-नाले, तालाब, कुएं, बावड़ी, पायतल, ऐतिहासिक स्थल, मंदिर, छतरियां और शिलालेख को राजस्व रिकॉर्ड में शामिल किया जाए। साथ ही गोडावण जैसे दुर्लभ वन्यजीवों के संरक्षण को देखते हुए सोलर और विंड कंपनियों को जमीन नहीं देने, अंधाधुंध पेड़ कटाई रोकने, गोपालक व ऊंटपालकों के लिए अभयारण्य बनाने और जिले में उत्पादित बिजली स्थानीय किसानों को उपलब्ध कराने की प्रमुख मांग उठाई।
Published on:
17 Sept 2025 09:03 pm
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