पिछले कुछ दिनों से पड़ोसी देश की नापाक हरकतों के कारण ब्लैकआउट व्यवस्थाओं के अंतर्गत रह रहे जैसलमेर के बाशिंदों को शनिवार सुबह करीब 10 बजे बड़ा झटका लगा, जब प्रशासन ने अचानक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। प्रशासन के निर्देशानुसार पुलिस ने शहर में घूम-घूम कर सभी छोटी-बड़ी दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, ठेलों-थडिय़ों को बंद करवा दिया। यह लॉकडाउन अप्रत्याशित रहा क्योंकि लोग यह मान कर चल रहे थे कि उनके पास किसी भी सामान की खरीद व कहीं आवाजाही के लिए शाम 5-6 बजे तक का समय है। माना जाता है कि सीमापार से किसी हमले की आशंका के चलते प्रशासन ने जैसलमेर में रेड अलर्ट जैसी कार्रवाई की। लोगों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी के सिलसिले में गए शहरी शिक्षक व अन्य संवर्गों के कार्मिकों को वापस लौटने में मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने जगह-जगह नाकाबंदी कर उन्हें रोका। उन कार्मिकों में बड़ी तादाद में महिला शिक्षिकाएं भी शामिल रही। पुलिस के इस कदम से उनमें व उनके परिवारजनों में घबराहट फैली।