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कुदरत की मेहरबानी से इस बार नहीं मचा पानी के लिए हाहाकार

बंदी खत्म, पीने के साथ सिंचाई के लिए भी नहरों में छोड़ा पानी- तीन में से एक समूह में खरीफ की फसलों के लिए दिया जा रहा पानी

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कुदरत की मेहरबानी से इस बार नहीं मचा पानी के लिए हाहाकार

कुदरत की मेहरबानी से इस बार नहीं मचा पानी के लिए हाहाकार

जैसलमेर. इंदिरा गांधी नहर परियोजना में एक महीने से थोड़ी ज्यादा बंदी के बाद जैसलमेर जोन की सभी नहरों में पानी छोड़ दिया गया है। इससे आमजन के लिए पीने के साथ खरीफ की बुवाई करने वाले किसानों को खेती-बाड़ी के लिए भी पानी मुहैया होने लगा है। 2 मई से 6 जून तक लगभग 33-34 दिनों तक नहरों की जरूरी मरम्मत के लिए की गई नहरबंदी के दौरान इस बार प्रतिवर्ष की भांति पीने के पानी को लेकर सीमांत जिले में उस तरह का हाहाकार कहीं से सुनाई नहीं दिया। अप्रेल और मई महीनों में जिलेभर में पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव के चलते हुई व्यापक बरसातों से ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह पानी इक_ा हो गया और करीब 40 लाख पशुओं की मौजूदगी वाले जिले में हालात सामान्य बने रहे। ऐसे ही तापमान के एक हद से ज्यादा नहीं बढऩे से भी पानी की मांग संयमित रही और जलदाय विभाग कुछेक दिनों के अपवाद को छोड़ दें तो लोगों तक 48 से 72 घंटों के अंतराल में पानी पहुंचाने में कामयाब रहा। इसी तरह से मोहनगढ़ स्थित बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के हैडवक्र्स की डिग्गी में नहरबंदी से पहले पर्याप्त पानी संग्रहित किए जाने से भी जैसलमेर व बाड़मेर शहरों सहित सैन्य क्षेत्रों व करीब 450 गांवों में पेयजल की आपूर्ति कमोबेश सुचारू ढंग से होती रही। अब जिले की सभी नहरों में पानी छोड़े जाने का दावा इंदिरा गांधी नहर परियोजना के जिम्मेदार कर रहे हैं। इससे पीने के साथ खेती करने लिए भी पानी मिलने लगा है।
बफर स्टॉक रहते आया पानी
मोहनगढ़ हैडवक्र्स की डिग्गी में करीब तीन दिन का बफर स्टॉक होते ही नहरों में पानी की आवक हो जाने से जिम्मेदारों ने राहत की सांस ली है। जानकारी के अनुसार गत 6 तारीख की रात या 7 की सुबह पानी पहुंच गया लेकिन चूंकि नहरों में शुरुआती पानी में मिट्टी सहित अन्य अपशिष्ट बड़ी मात्रा में होता है इसलिए जलदाय विभाग ने नहर का पानी तुरंत डिग्गी में नहीं लिया। ऐसा करने से पहले से डिग्गी में पड़े पानी के भी खराब होने का अंदेशा रहता है। तीन दिन पानी चलने के बाद डिग्गी में संभवत: शुक्रवार को दोपहर बाद या शनिवार अलसुबह से पानी लिया जाएगा। गौरतलब है कि हर साल नहरों की मरम्मत व अन्य कार्यों के लिए की जाने वाली नहरबंदी इस वर्ष करीब 33-34 दिनों की रही। जानकारी के अनुसार गत 2 मई से 6 जून के दिन तक नहरों में बिलकुल पानी नहीं आ सका। मोहनगढ़ की मुख्य डिग्गी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बने 220 स्टोरेज से जलापूर्ति होती रही। अकेले मोहनगढ़ डिग्गी में योजनाबद्ध ढंग से चलाया जाए तो 35 दिनों तक आपूर्ति करने लायक पानी संग्रहित होता है। यह डिग्गी 7 मीटर गहरी और करीब 800 मीटर के क्षेत्रफल में बनी है।

फैक्ट फाइल -
- 33 दिनों तक करीब रही नहरबंदी
- 01 बार साल भर में मरम्मत के लिए रोक जाता है नहरों में पानी
- 02 शहरों व 450 गांवों को मोहनगढ़ हैडवक्र्स से पेयजल आपूर्ति

इस बार नहीं आई परेशानी
नहरबंदी के दौरान इस वर्ष विभाग को अपनी जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक पूरा करने में ज्यादा परेशानी नहीं आई। व्यापक बरसातों व बंदी से पहले स्टोरेज में पूर्ण क्षमता के साथ जल संग्रहित कर दिए जाने से नहरबंदी का समय गुजर गया। अब नहरों में पानी आ गया है, जिसे डिग्गी में भरना शुरू कर दिया जाएगा।
- आरके शर्मा, अधिशासी अभियंता, परियोजना खंड, जन स्वा. अभि. विभाग, जैसलमेर

जैसलमेर को हिस्से से ज्यादा पानी
जैसलमेर जोन की सभी नहरों में पानी छोड़ा जा चुका है। इससे बाबा रामदेव नहर के टेल तक भी पानी पहुंच गया है। पेयजल के साथ सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध है। हालांकि जैसलमेर जिले में मुख्यत: मानसून की बरसातों के बाद किसान बिंजाई करते हैं। वर्तमान में जैसलमेर जोन को उसके हिस्से 1250 से ज्यादा 1600 क्यूसेक पानी मिल रहा है।
- रंजन जैन, अधिशासी अभियंता, इगानप, जैसलमेर