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शत्रुंजय महातीर्थ की 99 यात्रा करने वाली जैसलमेर की 5 बेटियों के आगमन पर स्वागत

शत्रुंजय महातीर्थ एवं गंगा नदी सदैव शाश्वत: साध्वी सिद्धप्रज्ञा  

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शत्रुंजय महातीर्थ की 99 यात्रा करने वाली जैसलमेर की 5 बेटियों के आगमन पर स्वागत

शत्रुंजय महातीर्थ की 99 यात्रा करने वाली जैसलमेर की 5 बेटियों के आगमन पर स्वागत

जैन धर्म के शाश्वत तीर्थ गिरिराजश्री शत्रुंजय की तपस्या पूर्वक 99 यात्रा करने वाली जैसलमेर नगर की 5 बेटियों के नगर आगमन पर सकल जैन संघ जैसलमेर की ओर से विजय वल्लभसूरि समुदाय की साध्वी सिद्धप्रज्ञाश्री एवं साध्वी रश्मिप्रज्ञाश्री महाराज आदि के सानिध्य में स्वागत किया गया। प्रवक्ता पवन कुमार कोठारी ने बताया कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर परमात्मा ऋषभदेव भगवान ने अपने जीवन में शत्रुंजय महातीर्थ की 99 पूर्व बार यात्रा की थी। उसी निमित्त प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु शत्रुंजय महातीर्थ की 99 यात्रा कर पुण्यार्जन करते हैं। इसी कड़ी में जैसलमेर नगर से भावना सांवलदास गोठी, ज्योति कैलाश बागचार, अंकिता कैलाश बागचार, ऋतिका दीपक चौपड़ा एवं प्रेरणा पारसमल डूंगरवाल ने तप पूर्वक सामूहिक 99 यात्रा कर पुण्यार्जन किया। इनकी यात्रा के अनुमोदनार्थ परिवारजनों की ओर से जैन भवन से वरघोड़ा निकाला गया। वरघोड़े में गाजे बाजे के साथ साध्वी भगवंतएश्रावक श्राविकाएं एवं तपस्वियों की बघ्घी शामिल थी। व्यापार मंडल की ओर से पुष्प वृष्टि कर वरघोड़े का स्वागत किया। वरघोड़ा हनुमान चौराहा होते हुए भगवान महावीर सेवा सदन पहुंचा। जहां साध्वी भगवंत एवं सभी तपस्वी बेटियों को संघ कद्वारा वधाते हुए मंगल प्रवेश करवाया गया। साध्वी सिद्ध प्रज्ञा श्री महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शाश्वत शत्रुंजय महातीर्थ की भावपूर्ण छ_ तप करके सात यात्रा करने वाला जीव तीसरे भव में मोक्ष प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में शत्रुंजय महातीर्थ और गंगा नदी को शाश्वत कहा गया है, जो छ_े अरे में भी विद्यमान रहेंगे। धर्म सभा के बाद तपस्वियों के परिवार द्वारा सकल जैन संघ का स्वामी वात्सल्य रखा गया। इस अवसर पर सकल जैन संघ जैसलमेर, जैन ट्रस्ट जैसलमेर के पदाधिकारी, ट्रस्टी, जिन कुशल युवा मंडल, पाŸव महिला मंडल के साथ ब्रह्मसरए देवीकोटए देवड़ा से बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे।