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माया के पिता नहीं हुए तो क्या हुआ ? भामाशाह ने निभाया फर्ज

-मदद के लिए आगे आए पवन कुमारसिंह भाटी

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माया के पिता नहीं हुए तो क्या हुआ ? भामाशाह ने निभाया फर्ज

माया के पिता नहीं हुए तो क्या हुआ ? भामाशाह ने निभाया फर्ज

जैसलमेर. भामाशाह पवन कुमार सिंह भाटी सिंहडार ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटी माया कुमारी की शादी में वित्तीय सहायता करते हुए मानवता की मिसाल पेश की। वे राजनीतिक दल भाजपा से भी जुड़े हंै। हड्डा गांव निवासी उम्मेदी देवी और द्वारकाराम की पुत्री माया कुमारी का विवाह जैसलमेर लिंक रोड निवासी लीलाराम से निश्चित हुआ था। परिवार के मौजीज लोगों की ओर से विवाह में वित्तीय मदद के लिए पवनकुमार सिंह से सहायता की पेशकश की गई। भाजपा नेता भाटी ने न केवल वित्तीय सहायता की, बल्कि शादी समारोह के दौरान उपस्थित होकर वर-वधू को आशीर्वाद भी दिया और रस्में भी निभाई। भाजपा नेता पवनकुमार सिंह ने बताया कि अत्यंत गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली माया के पिता की मृत्यु बहुत पहले ही हो चुकी थी। इस दौरान माया अपने नाना भभूताराम ओड और मामा सवाईराम ओड के घर पिथोड़ाई गांव में रह रही थी। मंगलवार की रात वधू के ननिहाल पिथोड़ाई में जैसलमेर लिंक रोड निवासी बीरबल राम के सुपुत्र लीलाराम की बारात आई तथा शादी संपन्न हुई। भाटी ने बताया कि मानवता के नाते हमारी जिम्मेदारी बनती है कि जितना सामथ्र्य ईश्वर ने हमें दिया, उसका उपयोग समाज के लिए करें। कन्या के विवाह में सहयोग करने से बड़ा कोई पुण्य नहीं होता। भाजपा नेता पवन कुमार सिंह भाटी ने कुछ दिनों पहले मूलसागर निवासी भील बेटी की शादी में भी आर्थिक सहायता कर कन्यादान किया था। विवाह समारोह उपरांत परिवार के सदस्यो ने पवन कुमार सिंह को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान शेराराम ओड हड्डाए खेताराम मूंढ पिथोड़ाई, बाबूराम ओड बड़ोडा गांव, भगवानाराम भील मूलसागर उपस्थित थे।