scriptकब और कैसे मिटेगा सैलानियों का सूखा ? | When and how will the tourists dry up? | Patrika News

कब और कैसे मिटेगा सैलानियों का सूखा ?

locationजैसलमेरPublished: Sep 27, 2020 08:18:32 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-कोरोना काल में पर्यटन को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती-कोरोना काल में मौजूदा हालात डराने वाले

कब और कैसे मिटेगा सैलानियों का सूखा ?

कब और कैसे मिटेगा सैलानियों का सूखा ?

जैसलमेर. कोरोना महामारी से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले पर्यटन पर जैसलमेर की अर्थव्यवस्था टिकी है। मार्च के दूसरे पखवाड़े से सैलानियों की आवक पर लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से ब्रेक लग गए थे। अनलॉक लागू किए जाने के बाद सैलानियों की स्वर्णनगरी में बहुत मामूली आवक हो रही है। ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि पर्यटन के लिहाज से सबसे ज्यादा व्यस्त तीन महीनों अक्टूबर से दिसम्बर तक में क्या हालात सुधरेंगे, पर्यटन व्यवसायियों से लेकर इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का एक स्वर में मानना है कि पर्यटन पर कोरोना जैसा संकट आज तक नहीं आया। इस वर्ष पर्यटकों का सूखा खत्म होने की उम्मीद अब आगामी नवरात्रा पक्ष से लगाई जा रही है। उससे लेकर दीवाली और बाद में क्रिसमस तथा न्यू इयर के मौके पर पर्यटन व्यवसाय को थोड़ा बहुत संबल मिलने की उम्मीदें अब भी बनी हुई हैं।
पहले कोरोना की चाल थमे
कोरोना का विश्वव्यापी संक्रमण इन दिनों अपने चरम पर है। कई विशेषज्ञों की राय है कि यह अभी और ऊपर की तरफ जाएगा। यदि ऐसा होता है तो निश्चित रूप से प्राकृतिक अकाल व सूखे के लिए पहचाने जाने वाले जैसलमेर में सैलानियों का सूखा छाया रहेगा। दूसरी तरफ यदि कोरोना के मामलों में कमी का रुख आ गया तो स्थितियां बदल सकती है। वर्तमान में जैसलमेर में प्रतिदिन करीब 30 से 50 और वीकेंड में 100 से 150 तक सैलानियों की आवक हो रही है। जबकि सामान्य दिनों में उनकी संख्या वीकेंड पर एक हजार से पार जाती है। कोरोना की रफ्तार पर किसी तरह से नियंत्रण हो जाए तो सैलानी जैसलमेर का रुख कर सकते हैं। भले ही उनकी संख्या कम रहे क्योंकि कोविड.19 ने देश भर के लोगों की कमाई पर बहुत बड़ा हमला किया है। वर्तमान में रामदेवरा व तनोटराय मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोले जा चुके हैं। ऐसे में नवरात्रा पक्ष से धार्मिक पर्यटन थोड़ा जोर पकड़ सकता है।
चले रेल के रुके पहिये
इस वर्ष 20 मार्च के आसपास से जैसलमेर में रेल सेवा ठप है। इससे आवाजाही पर बहुत असर पड़ा है। पर्यटन को गति देने के लिए जरूरी है कि पहले की भांति जैसलमेर से राजस्थान व देश के विभिन्न शहरों के लिए रेल सेवाओं का संचालन किया जाए। इसी प्रकार अक्टूबर के आखिर में जयपुर, दिल्ली, मुम्बई, बैंगलोर आदि के लिए प्रस्तावित हवाई सेवा का संचालन अगर शुरू कर दिया जाएगा तो भी पर्यटकों का रुझान स्वर्णनगरी की ओर हो सकता है।
आवागमन की सुविधा मिले
जैसलमेर में इस साल विदेशी सैलानियों के आने की उम्मीद कतई नहीं है लेकिन त्योहारी सीजन व साल के आखिर में घरेलू पर्यटक अवश्य आएंगे। इसके लिए सरकार को चाहिए जल्द से जल्द रेल सेवा बहाल करे और दिल्ली.मुम्बई आदि के लिए विमान सेवाओं का नियमित संचालन किया जाए।
-अनिल पंडित, टूरिस्ट गाइड
सुरक्षित जैसलमेर का संदेश दें
पर्यटन को किसी भी रूप में बचाना है तो हमें कोरोना के लिहाज से जैसलमेर के सुरक्षित होने का संदेश देना होगा। इसके साथ सैलानियों को यातायात की सुविधा मिलनी चाहिए। वैसे उम्मीद है कि देशी पर्यटन अंतिम तीन महीनों में जोर पकड़ेगा।
-मेघराज परिहार, होटल व्यवसायी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो