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वाल्मीकि समाज की बेटी के सिर से उठा पिता का साया तो गांव ने किया कन्यादान

locationजालोरPublished: Sep 09, 2022 02:26:07 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

जालोर से करीब 9 किमी दूर सांकरना गांव ने जातिवादी और रुढ़ीवादी के बंधन तोड़ते हुए वाल्मीकि समाज की बेटी की अपने स्तर पर न केवल शादी करवाई, बल्कि बारात के आगमन से लेकर बारात की विदाई तक तमाम जिम्मेदारी भी परिवार की भांति निर्वहन की।

after fathers death the village did Kanyadaan of daughter of Valmiki S

जालोर से करीब 9 किमी दूर सांकरना गांव ने जातिवादी और रुढ़ीवादी के बंधन तोड़ते हुए वाल्मीकि समाज की बेटी की अपने स्तर पर न केवल शादी करवाई, बल्कि बारात के आगमन से लेकर बारात की विदाई तक तमाम जिम्मेदारी भी परिवार की भांति निर्वहन की।

जालोर। जालोर से करीब 9 किमी दूर सांकरना गांव ने जातिवादी और रुढ़ीवादी के बंधन तोड़ते हुए वाल्मीकि समाज की बेटी की अपने स्तर पर न केवल शादी करवाई, बल्कि बारात के आगमन से लेकर बारात की विदाई तक तमाम जिम्मेदारी भी परिवार की भांति निर्वहन की। इस अनूठी शादी का व्यय व्यापारी सुरेशसिंह पुत्र भैरुसिंह राजपुरोहित ने उठाया तो स्थानीय ग्रामीण भी सहयोग में पीछे नहीं रहे।

जानकारी के अनुसार पूजा के पिता जगदीश कुमार का निधन हो चुका है। इस स्थिति में सुरेशसिंह के परिवार ने जगदीश कुमार के परिवार के दर्द को समझा और शादी का पूरा व्यय स्वयं ने उठाया। बकायदा गांव की बेटी की विदाई अपने आवासीय क्षेत्र से करवाई। सुरेशसिंह अपने परिवार सहित मुंबई में रहते हैं। लेकिन पुश्तैनी गांव सांकरना है। करीब चार माह पूर्व अपने पुत्र की शादी के लिए गांव आए थे।

इस दौरान यह वाल्मीकि परिवार भी शादी समारोह में आमंत्रित था। आयोजन के दौरान ही सुरेश सिंह की पत्नी सरस्वती देवी को इस परिवार की परेशानी की जानकारी मिली तो उन्होंने दर्द को समझते हुए अपने पति सुरेश सिंह को इस बारे में अवगत करवाया।

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जिस पर उन्होंने बेटी की शादी का व्यय उठाने का आश्वासन दिया। इसी शादी समारोह के लिए यह पूरा परिवार पिछले करीब 15 दिन से मुंबई से सांकरना पहुंचा। इधर, वाल्मीकि परिवार गोदन से सांकरना पहुंचा। इस परिवार के लिए पूर्व में तमाम व्यवस्था की गई थी। राजपुरोहित परिवार ने बकायना सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए बेटी को विदा किया। इस पहल में गांव के सभी वर्ग के लोग भी सहभागी बने और उन्होंने भी यथाशक्ति बेटी के लिए सहयोग किया।

शादी में जुटा गांव
पिता का साया पूजा के सिर से उठ चुका था, लेकिन उसकी शादी में गांव वालों ने जो भूमिका निभाई। उससे सभी कमियां पूरी हो गई। विधवा मां की पुत्री का विवाह सुरेश सिंह धवलीपोल ने अपने घर में करवाने के साथ कन्यादान किया। वहीं बारात का स्वागत करने के साथ इस परिवार के लिए अपने स्तर पर सहयोग किया।

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कन्यादान देख गांव वालों ने भी की तारीफ
कन्या को कन्या दान में 7 तोला सोना आधा किलो चांदी, घर गृहस्थी के सभी भौतिक संसाधन, बर्तन, कपड़े, नकद रुपए भेंट कर राजपुरोहित समाज के सभी अन्य लोगों ने भी कन्या दान किया। उनकी इस अनूठी पहल पर गांव वालों ने सहयोगकर्ता परिवार का आभार जताया। सुरेश कुमार व उनके परिवार का संघ के धर्म जागरण जिला संयोजक गोपाल सिंह ने वरिष्ठ लोगों ने सम्मान कर आभार जताया।

दूसरी बेटी का उठाया बीड़ा
गांव की इस बेटी की शादी के साथ ही सुरेशसिंह व उनकी पत्नी सरस्वती देवी ने एक अन्य युवती की शादी का बीड़ा भी उठाया है। यह रेगर समाज की बेटी है और संाकरना गांव की भानजी है। इस परिवार की शादी का आश्वासन भी परिवार ने दिया है। जो आगामी वर्ष में सुरेशसिंह राजपुरोहित के परिवार की मौजूदगी में होगी।

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