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विमान हादसे में घायल दोस्त को कंधे पर लेकर दौड़ा, दिनेश ने ऐसे बचाई थी जालोर के भानुप्रताप की जान

Ahmedabad plane crash: छात्र दिनेश चौधरी ने पत्रिका को बताया कि वह खाना खाने के बाद वॉश बेसिन पर हाथ धो रहा था कि धमाके की आवाज के साथ विमान मैस की बिल्डिंग से टकरा गया।

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छात्र दिनेश चौधरी औरछात्र भानुप्रताप- फोटो पत्रिका

अहमदाबाद विमान हादसे में जाको राखे सांइयां मार सके ना कोय… वाली लोकोक्ति जालोर के दो बेटों पर लागू हो रही है। बीएन मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद से एमबीबीएस कर रहे ये दोनों मेडिकल छात्र विमान हादसे के समय बीएन मेडिकल कॉलेज के मैस की बिल्डिंग में ही थे। एक छात्र खाना खा रहा था, तो दूसरा वॉश बेसिन पर हाथ धो रहा था।

वॉश बेसिन पर हाथ धो रहा जालोर जिले के सांचौर के हरियाली गांव निवासी दिनेश चौधरी मलबे गिरने से चोटिल हुए अपने दोस्त जालोर के ही शंखवाली निवासी भानुप्रतापसिंह राजपुरोहित के लिए देवदूत बनकर सामने आया। दिनेश अपने दोस्त भानुप्रताप को कंधे पर लादकर करीब आधा किलोमीटर दौड़ लगाकर हॉस्टल तक पहुंचा और वहां पर कार वाले की मदद लेकर दोस्त को अस्पताल ले जाकर उपचार शुरू करवाया।

तेज धमाका हुआ था

सांचौर के हरियाली निवासी छात्र दिनेश चौधरी ने पत्रिका को बताया कि वह खाना खाने के बाद वॉश बेसिन पर हाथ धो रहा था कि धमाके की आवाज के साथ विमान मैस की बिल्डिंग से टकरा गया। धमाके के साथ ही बिल्डिंग का मलबा खाना खा रहे मेडिकल स्टूडेंट पर गिर गया और चारों तरफ धुआं ही धुआं हो गया।

मलबे में दबे छात्र

खाना खाने के दौरान कुछ छात्र मलबे में दब गए। उस दौरान एमबीबीएस कर रहे जालोर के शंखवाली निवासी भानुप्रतापसिंह राजपुरोहित के ऊपर भी मलबे का कुछ हिस्सा गिरा। जिससे भानुप्रताप के कंधे और चेहरे पर मलबा टकराने से चोटें आई। इस दौरान वहां पर मदद के लिए अन्य मेडिकल स्टूडेंट भी आ गए।

अफरा-तफरी का माहौल

दिनेश चौधरी ने बताया कि उसने और कोटा निवासी मेडिकल छात्र मयंक ने भानुप्रताप को बाहर निकाला। दिनेश ने बताया कि वह अकेले ही भानुप्रताप को अपने कंधे पर लादकर करीब आधा किलोमीटर दूर हॉस्टल तक पहुंचा। इस दौरान अफरा-तफरी में दिनेश के कमर व पीठ पर चोट लगने से खरोंचे आई।

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कार वाले ने की मदद

हॉस्टल के पास से दिनेश ने एक कार वाले की मदद से भानुप्रताप को अस्पताल ले जाकर उपचार शुरू करवाया। घटना की जानकारी मिलने के बाद शंखवाली से भानुप्रताप के पिता सुखदेवसिंह राजपुरोहित भी गुरुवार रात्रि को अहमदाबाद पहुंचे। वहां से रात्रि में ही भानुप्रताप को उपचार के शहर एक निजी अस्पताल ले गए। भानुप्रताप के पिता सुखदेवसिंह राजपुरोहित ने बताया कि सिविल अस्पताल में हादसे के बाद भीड़ अधिक होने से उपचार के लिए बेटे को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया है। हाथ व कंधे पर चोट लगी थी। अब भानुप्रताप स्वस्थ है।

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