लाखों की लागत से बनाया भवन अब बंद पड़ा है आंखों का अस्पताल
जालोरPublished: Jun 17, 2018 04:59:46 pm
नेत्र रोगियों को हो रही परेशानी
लाखों की लागत से बनाया भवन अब बंद पड़ा है आंखों का अस्पताल
आहोर ञ्च पत्रिका. उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में राज्य सरकार की ओर कई सालों पूर्व लाखों की लागत से अत्याधुनिक आंखों के अस्पताल भवन का निर्माण तो किया करवा दिया, लेकिन सरकार की ओर से अब तक नेत्र चिकित्सक समेत स्टाफ की नियुक्ति नहीं करने से भवन नाकारा पड़ा है। वहीं कस्बे समेत क्षेत्र के आंखों के मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। चिकित्सालय भवन होने के बाद भी नेत्र चिकित्सक समेत स्टाफ नहीं होने से कस्बे समेत क्षेत्र के आंखों के मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल होने के बावजूद चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। स्टाफ के अभाव में नेत्र चिकित्सालय के बंद होने के कारण नेत्र रोगियों को अपने मर्ज के निदान के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
ट्रस्ट ने उपलब्ध करवाई थी मशीनें
आंखों का अस्पताल बनने के बाद मरीजों के उपचार के लिए कुहाड़ चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से कई अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध करवाई गई थी। जो स्टाफ की कमी की वजह से धूल फांकती रही है। ट्रस्ट की ओर से पूर्व में विभिन्न प्रकार की मशीनें उपलब्ध करवाने के साथ नेत्र रोगियों की जांच व उपचार के लिए चिकित्साकर्मी की भी नियुक्ति की गई थी। यह सेवा कुछ महीनों तक जारी रहने के बाद गत महीनों ट्रस्ट की ओर से बंद कर दी गई तथा चिकित्सालय से अपनी मशीने भी हटवा दी। जिसके चलते वर्तमान में चिकित्सालय में कोई कार्मिक नहीं है तथा चिकित्सालय बंद पड़ा है। सरकार की ओर से यहां अब तक नेत्र चिकित्सक समेत कार्मिकों की नियुक्ति का इंतजार है। जिसकी वजह से लाखों की लागत से निर्मित चिकित्सालय वर्तमान में नाकारा साबित हो रहा है।
विशेषा समेत स्टाफ का अभाव
अस्पताल परिसर में नेत्र चिकित्सालय भवन बना हुआ है। लेकिन यहां अब तक नेत्र चिकित्सक समेत स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिसकी वजह से कस्बे समेत क्षेत्र के नेत्र रोगियों को बेहद परेशानी हो रही है।
-डॉ. घनश्याम त्रिपाठी प्रभारी, सीएचसी, आहोर