
प्रदीप बीदावत @ जालोर. बाढ़ के हालात में जिले में कईलोगों ने अपने दम पर लोगों को राहत पहुंचाने की ऐसी मिसाल प्रस्तुत की है जो तारीफे काबिल है। दांतियां गांव के महावीरसिंह ने तो अपने अनाज का भंडार ही गांव के लिए खोल दिया है। इनकी पत्नी भगवत कंवर सरपंच है और खुद किसान। महावीर के यहां पिछली बार अच्छी खेती हुई और इस बार गांव पानी में डूबा है। खेत क्या लोग भी बेहाल है। यहां साधन नहीं पहुंच सकता। इन्हों पिछली खेती में उगाए अनाज को जरूरतमंदों में निशुल्क बांटना शुरू किया हैं। बिछावाड़ी, वांक और दांतिया गांवों में कोई भूखा नहीं सोए इसके लिएि महावीर खुद का भण्डार खोलकर निशुल्क अनाज दे रहे हैं। अनाज महावीर का कहना है पिछली बार फसल अच्छी हुई, राम राजी था। इस बार भगवान शायद नाराज है और आपदा की घड़ी है। ऐसे में फर्ज बनता है कि इस आपदा की घड़ी में लोगों की मदद करें और जो हमारे पास उपलब्ध है उसे आपस ही में बांट लें। इसी के चलते आसपास के लोग यहां अनाज लेने आ रहे है। महावीर बताते हैं कि प्रत्येक घर को १५ किलो के हिसाब से दे रहे हैं। जिसकी जैसी जरूरत उसी अनुसार भी दे रहे है। गांव की धापूदेवी ने बताया कि गांव के चारों ओर पानी का भराव है और यहां तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है। ऐसे में खाने लायक अनाज मिल रहा है। यह बहुत बड़ी बात है। इसी तरह भागूदेवी और सीतादेवी भी आपदा की घड़ी में मिल रही इस मदद पर आभार जताती रहीं। गांव के उदाराम ने बताया कि कई दिनों से पानी भरा हैऔर फिलहाल उतरने की उम्मीद भी नहीं है।ऐसे में यह मदद जिंदा रहने में सहायक है।
खुद के बूते बिछाई थी पाइपलाइन
महावीर सिंह पहले भी लोगों की मदद में अपने दम पर गांव में पेयजल लाइन और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर चुके हैं। अब बाढ़ की इस आपदा में लोगों के साथ जुटे हैं और मिसाल प्रस्तुत कर रहे हैं। इससे पूर्वइनकी पत्नी भगवत कंवर जोधपुर संभाग में शहीद हुए चार आर्मीके जवानों के परिजनों को एक लाख ५१ हजार रुपए सहायता दे चुकी है।
Published on:
02 Aug 2017 11:24 am
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