
Jalore-Jhalawar Green-Field Express Way: जालोर-झालावाड़ ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेस वे समेत प्रदेश के 8 अन्य अहम प्रोजेक्ट की क्रियान्विति के लिए कवायद तेज है। इन सभी कोरिडोर के लिए डीपीआर के लिए कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। विभागीय जानकारी के अनुसार प्रोजेक्ट की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का काम 18 माह में पूरा किया जाना है।
मुख्यमंत्री बजट घोषणा में घोषित प्रदेश के 8 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे अहम है तो इन सभी कार्यों के लिए यह कार्य तय अवधि से पहले पूरा करने की प्रयास है। सब कुछ ठीक रहा तो प्रोजेक्ट के लिए धरातल पर आगामी दो साल में काम नजर आने लग जाएगा। बता दें जालोर-झालावाड़ प्रोजेक्ट की एस्टीमेटेड कोस्ट 10 हजार करोड़ से अधिक की आंकी गई है। डीपीआर बनने पर प्रोजेक्ट की वास्तविक स्थिति का आंकलन हो पाएगा।
विभागीय जानकारी के अनुसार इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की फाइल फिलहाल वित्त विभाग के पास है। वहां से स्वीकृति मिलने के साथ प्रोजेक्ट की क्रियान्विति के काम शुरु हो पाएगा। पहले स्तर पर फिजिबिलिटी जांची जाएगी और उसके साथ ही डीपीआर का काम भी हो पाएगा। बता दें कि जालोर में बेहतर रोड कनेक्टिविटी नहीं है, सिरोही तक से नेशनल हाइवे से जुड़ाव नहीं है। जिसका सबसे बड़ा नुकसान जालोर के ग्रेनाइट उद्योग, अनार मंडी, एग्रो प्रोडक्ट से जुड़े व्यापारियों को हो रहा है।
जालोर-झालावाड़ प्रोजेक्ट के अलावा 7 अन्य प्रोजेक्ट के लिए भी कवायद तेज हो चुकी है। जिसके तहत कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे, जयपुर-भीलवाड़ा, बीकानेर-कोटपूतली, ब्यावर-भरतपुर, अजमेर-बांसवाड़ा, जयपुर-फलौदी, श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे के लिए डीपीआर बनेगी।
डीपीआर बननी है, लेकिन उससे पहले सभी प्रोजेक्ट की प्रस्तावित रूट कनेक्टिविटी तय की गई है। जो इस तरह है।
1- जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस-वे की कनेक्टिविटी जालोर के निकट अमृतसर-जामनगर इकोनॉमी कोरिडोर से तो दूसरे छोर पर झालावाड़ के निकट दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस तक प्रस्तावित, 402 किमी इस प्रस्तावित रूट की एस्टीमेटेड कोस्ट 10 हजार 300 करोड़ है।
2- कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी एक तरफ कोटपूतली में नेशनल हाइवेे 148-बी में पान्याला के निकट से तो दूसरे छोर पर किशनगढ़ में नेशनल हाइवे 48 और नेशनल हाइवे 448 के इंटरचेंज पर, 181 किमी इस प्रस्तावित रूट की एस्टीमेटेड कोस्ट 4788 करोड़ है।
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के तहत पूर्ण प्रोजेक्ट के लिए पहले स्तर पर डीपीआर का काम होना है। यह काम एजेंसी को 18 माह में पूरा करना है। हालांकि प्रयास रहेगा कि उससे पहले ही यह काम हो जाए।
Updated on:
30 Nov 2024 02:50 pm
Published on:
27 Nov 2024 01:51 pm
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